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भारत-US की समुद्री यारी से चीन को लगेगी मिर्ची! चेन्नई के बंदरगाह से दुनिया को दिखेगी India की ताकत

अमेरिकी नौसेना का जहाज पहली बार भारत के किसी बंदरगाह पर रिपेयरिंग और अन्य सर्विसेज के लिए रुका है. यह भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौतों का एक अंग है. बताया जा रहा है कि यह जहाज ‘लार्सन एंड टुब्रो’ (एलएंडटी) के शिपयार्ड में पहुंचा है और 11 दिनों तक इसी शिपयार्ड पर रहेगा.

भारत-US की समुद्री यारी से चीन को लगेगी मिर्ची! चेन्नई के बंदरगाह से दुनिया को दिखेगी India की ताकत
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Om Kurrey|Updated: Aug 09, 2022, 11:36 PM IST

India America Friendship: चेन्नई के कट्टूपल्ली के शिपयार्ड पर रविवार को अमेरिका का एक जहाज पहुंचा हुआ है. अमेरिकी नौसेना का जहाज पहली बार भारत के किसी बंदरगाह पर रिपेयरिंग और अन्य सर्विसेज के लिए रुका है. यह भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौतों का एक अंग है. बताया जा रहा है कि यह जहाज ‘लार्सन एंड टुब्रो’ (एलएंडटी) के शिपयार्ड में पहुंचा है और 11 दिनों तक इसी शिपयार्ड पर रहेगा.

चीन को लगेगा बड़ा झटका!

भारत और अमेरिका की यह दोस्ती इस लिहाज से भी अहम मानी जा रहा है क्योंकि भारत और चीन दो साल से पूर्वी लद्दाख को लेकर आमने-सामने हैं. वहीं ताइवान को लेकर अमेरिका से भी चीन की ठनी हुई है. ऐसे में अमेरिका और भारत के बीच यह दोस्ती चीन के लिए एक और बड़ा झटका हो सकती है.

रक्षा मंत्रालय ने बताए इस साझेदारी के मायने

रक्षा मंत्रालय ने इसे मेक इन इंडिया के लिए उत्साहजनक करार देते हुए कहा कि इस कदम ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया आयाम जोड़ा है. यह पोत अमेरिकी नौसेना को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जंगी बेड़े के संचालन में अहम सहयोग देता है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘यह पहली बार है, जब अमेरिकी नौसेना का जहाज मरम्मत के लिए भारत पहुंचा है. अमेरिकी नौसेना ने जहाज के रखरखाव के लिए कट्टुपल्ली में एलएंडटी के शिपयार्ड को ठेका दिया था.’ 

रक्षा सचिव अजय कुमार, नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस.एन. घोरमडे और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शिपयार्ड का दौरा किया इस दौरान, चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत जुडिथ रेविन के अलावा नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे. कुमार ने कहा, ‘हमें अमेरिकी नौसेना पोत चार्ल्स ड्रयू का भारत में स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है. भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में भी भारत की पहल का विशेष महत्व है.'

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