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India China Border: बॉर्डर के पास चीन ले आया सबसे लड़ाकू 'योद्धा', जवाब में भारत का 'शक्तिमान' खड़ा है

India China LAC news: चीन फिर गहरी साजिश में जुटा है. वह अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान को भारत से लगती सीमा के करीब लेकर आया है. यह जगह सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राई-जंक्शन के पास डोकलाम के करीब है.

India China Border: बॉर्डर के पास चीन ले आया सबसे लड़ाकू 'योद्धा', जवाब में भारत का 'शक्तिमान' खड़ा है
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Anurag Mishra|Updated: May 31, 2024, 10:45 PM IST

China Fighter Plane at Border: LAC पर तनातनी के बीच चीन ने अपने सबसे एडवांस्ड J-20 स्टील्थ लड़ाकू विमानों को बॉर्डर के करीब तैनात किया है. स्टील्थ टेक्नोलॉजी होने से इस तरह के प्लेन राडार को आसानी से चकमा दे सकते हैं. खबर है कि पूर्वी क्षेत्र में तिब्बत के एक एयरफील्ड पर चीन के जेट देखे गए हैं. यह खबर ऐसे समय में आई है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पांच साल से भारत और चीन की सेनाओं आमने सामने हैं. हालांकि भारत की फौज पहले से सतर्क है औऱ उसे चीन की किसी भी साजिश से निपटने के लिए पहले से ही अपने 'शक्तिमान' को बॉर्डर के करीब बिठा रखा है. 

बॉर्डर से सिर्फ 155 किमी हैं दूर

दरअसल, कॉमर्शियल सैटेलाइट की तस्वीरों से पता चला है कि पीएलए-एयरफोर्स ने छह जे-20 फाइटर्स शिगात्से ड्यूल-यूज एयरपोर्ट पर तैनात किए हैं. खास बात यह है कि LAC से यह जगह महज 155 किमी की दूरी पर है. 

सैटलाइट तस्वीरों में कई जे-10 जेट और एक KJ-500 AEWC एयरक्राफ्ट भी दिखाई दे रहे हैं. ऐसी खुफिया जानकारियां इकट्ठा करने वाले प्लेटफॉर्म 'ऑल सोर्स एनालिसिस' ने सोशल मीडिया पर कहा, 'एक ही दिन ली गई कई सैटलाइट तस्वीरों से संकेत मिलते हैं कि ये प्लेन (जे-20) 27 मई को एयरबेस पर पहुंचे हैं. इससे पहले ग्राउंड क्रू और सपोर्ट उपकरण वाई-20 परिवहन विमान से लाए गए थे. 

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि दो इंजन वाले जे-20 लड़ाकू विमान संभवतः काफी ऊंचाई पर ट्रायल्स के लिए शिगात्से में हैं. 

बॉर्डर पर तैयारी बढ़ा रहा ड्रैगन

मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव शुरू होने के बाद से चीन की एयरफोर्स नियमित रूप से पश्चिमी सेक्टर में अपने हवाई क्षेत्रों में जे-20 को तैनात कर रही है. इसी क्रम में उसने शिनजियांग में होटन एयरफील्ड पर लड़ाकू विमान तैनात किए थे. यह जगह एलएसी से लगभग 240 किमी दूर है.

कुछ दिन पहले ही खबरें आई थीं कि चीन कैसे लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले 3,488 किमी लंबी एलएसी के तीनों सेक्टरों में बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. वह ऐसे गांव बना रहा है जिसका दो तरह से इस्तेमाल हो सकता है. इसके अलावा सैन्य ठिकाने मजबूत कर रहा है और बॉर्डर के उस पार अपने हवाई अड्डों पर ज्यादा जेट तैनात कर रहा है.

चीन ने अब अपने होटन, काशगर, शिगात्से, बंगदा, निंगची और होपिंग जैसे एयरफील्ड को उन्नत करने के बाद अतिरिक्त लड़ाकू विमानों, बमवर्षक विमानों, टोही विमानों और ड्रोनों को तैनात करके अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है. 

जवाब में भारत की क्या तैयारी

पूर्वी सेक्टर में हासीमारा, चाबुआ और तेज़पुर में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान डटे हुए हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन (18 जेट) पश्चिम बंगाल के हासीमारा हवाई अड्डे पर तैनात है. दूसरा स्क्वाड्रन अंबाला में पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे के लिए तैनात है.

जे-20 जेट चीन का सबसे धांसू प्लेन माना जाता है. वह इसे अमेरिका के एफ/ए-22 रैप्टर्स और F-35 लाइटनिंग-II ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर की टक्कर का बताता है. ये पांचवीं पीढ़ी के फाइटर प्लेन हैं. 

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