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Chhattisgarh Election : Pay CM से कांग्रेस ने कर्नाटक की सत्ता छीनी तो अमित शाह लाए ATM का वार, भूपेश बघेल पर प्रहार

Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में फर्स्ट फेज की वोटिंग से पहले बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र आ चुका है. रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के नेताओं और कार्यतर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा है.

Chhattisgarh Election : Pay CM से कांग्रेस ने कर्नाटक की सत्ता छीनी तो अमित शाह लाए ATM का वार, भूपेश बघेल पर प्रहार
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Shwetank Ratnamber|Updated: Nov 04, 2023, 09:11 AM IST

CG Election 2023 Explainer: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग यानी 7 नवंबर से पहले बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा, 'मोदी जी छतीसगढ़ में जो करना चाहते है उसमें भूपेश बघेल हमेशा अडंगा डाल देते हैं. भूपेष बघेल तो कांग्रेस पार्टी के ATM है.' देश में चुनावी सीजन है. जगह-जगह करोड़ों का कैश पकड़ा जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच चुनावों में इस रकम का इस्तेमाल करने की कोशिशों के आरोप लग रहे हैं. शाह के इस बयान के कई मायने हैं. 

छत्तीसगढ़ के चुनाव में कर्नाटक का जिक्र क्यों?

15 अक्टूबर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने बेंगलुरु में एक ठेकेदार के घर पर छापा मारते हुए करीब 40 से 45 करोड़ रुपये कैश जब्त किया था. बीजेपी ने इस राशि को कांग्रेस का बताया और कहा कि इसका इस्तेमाल चुनावी राज्यों में किया जाना था. बीजेपी के इस आरोप पर कि जब्त की गई नकदी पांच राज्यों में आगामी चुनावों में खर्च की जानी थी, सिद्धारमैया ने कहा, 'हमारा इससे (पैसे) कोई संबंध नहीं है. जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उन्हें अपने दम पर लड़ना चाहिए. जब हमने चुनाव लड़ा तो क्या हम दूसरे राज्यों में पैसे मांगने गए थे? जनता ही आशीर्वाद देती है. हमारे राज्य का अन्य राज्यों (चुनावों) से कोई संबंध नहीं है.' 

सिद्धारमैया सरकार राज्य को एटीएम के रूप में इस्तेमाल कर रही है: BJP

उसी दौरान बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'ये बड़ी बात है कि लगभग 50 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए. यह कैश वाली कांग्रेस है, भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस है. राहुल गांधी आप इस पर चुप रहेंगे? 15 अक्टूबर को भी बीजेपी ने आरोप लगाया था कि एक ठेकेदार और उसके बेटे से जब्त की गई 42 करोड़ रुपये की नकदी कांग्रेस से जुड़ी हुई है और सिद्धारमैया सरकार राज्य को एटीएम के रूप में इस्तेमाल कर रही है. 

इसी तरह कांग्रेस पार्टी के साथ कभी गठबंधन के साथी रहे और पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने जब इन छापों की जांच की मांग की तब कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'हमें जांच क्यों करानी चाहिए? मेरी सरकार को ऐसा क्यों करना चाहिए? (राज्य) कर्नाटक सरकार के खिलाफ आरोप कहां है? राजनीति से प्रेरित बयान के आधार पर कोई जांच नहीं हो सकती.'

दरअसल इसी साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य सरकार को कमीशन वाली सरकार बताया था. भ्रष्टाचार से जंग के नाम पर बीजेपी को सत्ता से खदेड़ने के लिए कांग्रेस ने आक्रामक होकर चुनाव लड़ा. तो काउंटर में बीजेपी ने भी कांग्रेस राज में हुए घोटालों की सूची गिनाई थी. बीजेपी का फोकस तब कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार की ओर था. डीके कांग्रेस के संकट मोचक और फंड मैनेजर माने जाते हैं. उन पर कई आरोप लग चुके हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उन्हें 2019 में कुछ दिन तिहाड़ में बिताने पड़े थे. बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी. 'आपकी कॉलर हमारी से सफेद कैसे' जैसी शाब्दिक बाणों के सहारे चली जुबानी जंग के बीच कांग्रेस ने बीजेपी को कर्नाटक की सत्ता से बेदखल कर दिया था.  

'मोदी जी जो करना चाहते हैं उसमें बघेल...'

छत्तीसगढ़ के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस के कल्चर और नेताओं पर ताबड़तोड़ हमले किए. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, 'झूठा प्रचार करने में पूरे देश में भूपेश बघेल का कोई सानी नहीं है. एक वातावरण बनाकर उन्होंने 5 साल के लिए यहां सरकार बनाई. लेकिन इसमें उन्होंने केवल घोटाले ही किए. मैं छत्तीसगढ़ की जनता से कहना चाहता हूं कि मोदी जी छत्तीसगढ़ का विकास करना चाहते हैं, लेकिन भूपेश बघेल उसमें सबसे बड़ा विघ्न है. वो उसमें रोड़ा डाल देते हैं. बघेल जी को डर है कि अगर यहां विकास के इतने कार्य हो गए तो उनकी कुर्सी चली जाएगी. पिछले 5 वर्ष में कानून व्यवस्था के मामले में भी भूपेश बघेल सरकार फिसड्डी साबित हुई.'

बीजेपी इस बार आक्रामक होकर हर हाल में छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होना चाहती है इसलिए बघेल सरकार के घोटालों को चुन-चुन कर गिना रही है.

2018 के चुनाव में ऐसे रहे थे नतीजे

कांग्रेस के प्रचंड यानी स्पष्ट बहुमत मिला था. छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों पर हुई मतगणना में कांग्रेस को 67 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि राज्य में 15 साल से शासन कर रही बीजेपी बस 15 सीट जीत पाई थी. बहुजन समाज पार्टी को दो और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (J) ने 5 सीटों पर बाजी मारी थी. छत्तीसगढ़ में वोट शेयर के आधार पर कांग्रेस को 43 फीसदी मत मिले जबकि बीजेपी के पक्ष में 33 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह रमन सिंह की सत्ता से विदाई हो गई थी.

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