trendingNow11837745
Hindi News >>देश
Advertisement

Chandrayaan-3: तमिलनाडु के इस जिले का चंद्रमा से है खास कनेक्शन, यहां की मिट्टी का है इस मिशन में अहम योगदान

Chandrayaan 3 Landing: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित नामक्कल जिला 2012 से चंद्रयान मिशन की क्षमताओं को जांचने के लिए इसरो को माटी उपलब्ध करा रहा है

प्रतीकात्मक फोटो
Stop
Zee News Desk|Updated: Aug 23, 2023, 02:45 PM IST

Chandrayaan-3 Mission News: दुनियाभर की निगाहें चंद्रमा पर भारत के चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग पर टिकी हुईं हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस अभियान को यहां तक पहुंचाने में तमिलनाडु के बेटों -पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, चंद्रयान-2 के मिशन निदेशक मायिलसामी अन्नादुरई, चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक वीरमुथेवल पी का ही योगदान नहीं है बल्कि राज्य की माटी ने भी इसमें अहम योगदान दिया है.

राज्य की राजधानी चेन्नई से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित नामक्कल 2012 से चंद्रयान मिशन की क्षमताओं को जांचने के लिए इसरो को माटी उपलब्ध करा रहा है, क्योंकि इस जिले की जमीन चंद्रमा की सतह से मिलती जुलती है.

तमिलनाडु ने की तीसरी बार मिट्टी की आपूर्ति
इस प्रकार से इसरो को अपने लैंडर मॉड्यूल की क्षमताओं की जांच करने और इसमें सुधार लाने में मदद मिली है. अगर चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा में सॉफ्ट लैंडिंग के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो इससे तमिलनाडु के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी. तमिलनाडु ने इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन के परीक्षण के लिए तीसरी बार मिट्टी की आपूर्ति की है.

पेरियार विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के निदेशक प्रोफेसर एस अनबझगन ने बताया कि नामक्कल में प्रचुर मात्रा में मिट्टी उपलब्ध थी, ऐसे में जरूरत पड़ने पर इसरो ने इसका इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, ‘हम भूविज्ञान में शोध करते रहे हैं. तमिलनाडु में इस प्रकार की मिट्टी है जैसी चंद्रमा की सतह पर है. यह मिट्टी खासतौर पर दक्षिणी ध्रुव (चंद्रमा के) पर मौजूद मिट्टी से काफी मिजली-जुलती है. चंद्रमा की सतह पर मिट्टी ‘एनॉर्थोसाइट’ है जो मिट्टी का एक प्रकार है.’

प्रोफेसर एस अनबझगन ने, ‘इसरो ने जब चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम की घोषणा की, इसके बाद से हम लगातार मिट्टी भेज रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसरो को कम से कम 50 टन मिट्टी भेजी गई, जो चंद्रमा की सतह पर मौजूद मिट्टी से मिलती-जुलती है.’ उन्होंने बताया कि विभिन्न परीक्षणों से इसरो के वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की कि नामक्कल में मौजूद मिट्टी चंद्रमा की सतह पर मौजूद मिट्टी की ही भांति है.

इन इलाकों में मिलती है यह मिट्टी
एक प्रश्न के उत्तर में अनबझगन ने कहा कि नामक्कल के पास स्थित सीतमपुंडी और कुन्नामलाई गांव, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों और देश के उत्तरी क्षेत्रों में इस प्रकार की मिट्टी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. उन्होंने कहा, ‘हम इसरो को उनकी जरूरत के हिसाब से मिट्टी भेज रहे हैं. वे हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गई मिट्टी पर परीक्षण कर रहे हैं. अगर चंद्रयान-4 मिशन भी शुरू होता है तो हम उसके लिए भी मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं.’

(इनपुट - भाषा)

Read More
{}{}