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Champai Soren: शिबू सोरेन के सिपहसालार से बागी बनने तक, नई पार्टी बनाकर चंपई कैसे JMM का खेल बिगाड़ेंगे?

Who is Champai Soren: झारखंड के पूर्व सीएम रहे चंपई सोरेन ने JMM से बगावत के बाद अपनी नई पार्टी बनाने का फैसला किया है. उन्होंने आज इस फैसले की घोषणा कर दी. सवाल उठ रहा है कि शिबू सोरेन के वफादार रहे चंपई ने क्या अब उनका खेल बिगाड़ना तय कर लिया है.

Champai Soren: शिबू सोरेन के सिपहसालार से बागी बनने तक, नई पार्टी बनाकर चंपई कैसे JMM का खेल बिगाड़ेंगे?
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Devinder Kumar|Updated: Aug 21, 2024, 06:40 PM IST

Champai Soren Latest News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को जिसका डर था, आखिरकार वही हुआ. झारखंड मुक्ति मोर्चा से बगावत का झंडा बुलंद करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने अभी नई पार्टी का नाम नहीं बताया है लेकिन साथ ही कहा है कि वे जल्द ही इसके लिए औपचारिकता पूरी कर लेंगे. असेंबली चुनाव से कुछ महीने पहले हुए इस घटनाक्रम से राजनीति में हलचल मच गई है.

कभी थे शिबू सोरेन के करीबी

चंपई सोरेन पार्टी से जुड़े शुरुआती नेताओं में रहे हैं. उन्हें पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन का सिपहसालार कहा जाता था. यहां तक कि अपने परिवार के कई सदस्यों से ज्यादा सोरेन उन्हीं पर भरोसा करते थे. इस साल फरवरी में जब मनी लॉन्ड्रिंग के केस में हेमंत सोरेन को सीएम की कुर्सी छोड़कर जेल जाना पड़ा तो शिबू सोरेन ने अपनी बहुओं सीता सोरेन या कल्पना सोरेन के बजाय चंपई सोरेन को राज्य का नया सीएम मनोनीत किया. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चंपई सोरेन का नई पार्टी बनाने का फैसला आने वाले असबेंली चुनावों में JMM का खेल बिगाड़ने जा रहा है. 

'अब मैं रिटायर नहीं होऊंगा'

दिल्ली दौरे से लौटने के बाद चंपई सोरेन झारखंड के हाता में पहुंचे और नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया. चंपई ने कहा, 'जैसा कि मैंने पहले ही 3 ऑप्शन बताए थे कि मैं रिटायरमेंट ले लूंगा. नया संगठन बनाऊंगा या नए दोस्त ढूंढूंगा. लेकिन अब मैं रिटायर नहीं होऊंगा. मैं नई पार्टी बनाकर उसे मजबूत करूंगा. अगर इस राह में मुझे अच्छे दोस्त मिले तो मैं उन्हें भी साथ ले लूंगा.' 

क्या है झारखंड का चुनावी समीकरण?

झारखंड असेंबली में कुल सीटों की संख्या 82 है. इनमें से 81 निर्वाचित और एक मनोनीत सदस्य का पद है. इन 81 सीटों में 28 सीटें आदिवासी और 9 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं. वर्ष 2019 में हुए चुनाव में इनमें से JMM ने 47, कांग्रेस ने 18, भाकपा माले ने एक, आरजेडी ने एक सीट जीतकर गठबंधन सरकार बना ली थी. जबकि विपक्षी बीजेपी को 30, आजसू को 3, राकपा को 1 और निर्दलीय को 2 सीटें मिली. 4 सीटें विभिन्न वजहों से खाली रह गईं.  

JMM का खेल कैसे बिगाड़ेंगे?

झारखंड असेंबली में जिस पार्टी की 81 में से 42 सीटें आ जाएं, वह सरकार बना सकती है. पिछली बार जेएमएम ने इनमें से 47 सीटें जीती थीं. इनमें कोल्हन इलाके की 14 सीटें भी शामिल थीं. यह क्षेत्र जेएमएम का मजबूत गढ़ कहा जाता है, जिसे चंपई सोरेन ने अपनी मेहनत से पार्टी के लिए तैयार किया था. वे इस इलाके से जुड़े तमाम जनांदोलनों में गहराई से जुड़े रहे हैं. यही वजह है कि इस इलाके में उनका प्रभाव हेमंत सोरेन से भी ज्यादा है. ऐसे में चंपई सोरेन के नई पार्टी बनाने से काफी वोट उनकी ओर खिंचेंगे, जिससे नजदीकी अंतर में फंसी जेएमएम बीजेपी के हाथों चुनाव हार सकती है. अब इस संकट से हेमंत और शिबू सोरेन कैसे निपटेंगे. यह देखने लायक बात होगी. फिलहाल चंपई ने अपना दांव चल दिया है.

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