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Indian Air Force: दुश्मनों का होगा 'END GAME', घातक सुखोई 30 को अब मिलेगी ये पावर

Brahmos Air Version to get Longer Range: भारतीय वायुसेना ने दक्षिण भारत के तंजावुर में एक स्क्वाड्रन को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया है. दो महीने पहले रक्षा मंत्रालय ने बढ़ी हुई रेंज वाली ब्रह्मोस के सफल परीक्षण किए थे, लेकिन अब उस रेंज से भी आगे बढ़ने की तैयारी है.

Indian Air Force: दुश्मनों का होगा 'END GAME', घातक सुखोई 30 को अब मिलेगी ये पावर
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Krishna Mohan Mishra|Updated: Jul 06, 2022, 04:29 PM IST

Brahmos Air Version to get Longer Range: भारतीय वायुसेना की पहुंच अब ज्यादा दूर तक होगी. वायुसेना के सुखोई 30 फाइटर जेट्स (Sukhoi 30 Fighter Jets) में लगी ब्रह्मोस मिसाइलों की रेंज को बढ़ाकर 800 किमी तक करने की तैयारी है. भारतीय वायुसेना ने दक्षिण भारत के तंजावुर में एक स्क्वाड्रन को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया है. दो महीने पहले रक्षा मंत्रालय ने बढ़ी हुई रेंज वाली ब्रह्मोस के सफल परीक्षण किए थे, लेकिन अब उस रेंज से भी आगे बढ़ने की तैयारी है. 

मई महीने में की थी घोषणा

मई में भारतीय रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सुखोई 30 में लगी ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज बढ़ाई गई है और उसने 400 किमी दूर टारगेट को सफलता के साथ तबाह किया है. लेकिन अभी ये ब्रह्मोस की रेंज को और बढ़ाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सुखोई में लगी ब्रह्मोस की रेंज को 800 किमी तक करने का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही इसके निशाने को और सटीक बनाया जा रहा है. इतनी रेंज तक मार करने में सक्षम मिसाइल से लैस होने के बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 फाइटर जेट्स की ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी. 

अब थर-थर कांपेंगे दुश्मन

वायुसेना ने अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 20 जनवरी 2020 को तंजावुर एयरबेस में ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस सुखोई 30 फाइटर जेट्स को तैनात किया था. इस स्क्वाड्रन 222 को टाइगर शार्क नाम दिया गया है और नाम से ही जाहिर है कि इस स्क्वाड्रन की जिम्मेदारी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करना है. भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में पाकिस्तानी घुसपैठ और चीनी सबमरीन की हरकतों से चौकन्ना रहना पड़ता है. ऐसे में 800 किमी की रेंज वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस सुखोई 30 फाइटर जेट दुश्मन की नौसेना के किसी भी जहाज को रोकने के लिए सबसे असरदार हथियार है. भारत को प्रशांत महासागर और दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिविधियों से भी सावधान रहना है. सुखोई 30 की 2000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार और लंबी रेंज के साथ ब्रह्मोस की 2800 किमी से ज्यादा की रफ्तार का मेल दुश्मन के लिए बहुत घातक है. 

दुश्मनों को तबाह करेगी ब्रह्मोस

भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 फाइटर जेट में ब्रह्मोस को लगाने का काम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने देश में ही किया है. इसके लिए ब्रह्मोस के वजन को कम किया गया है लेकिन इससे मिसाइल की घातक मार में कोई कमी नहीं आई है. एक ब्रह्मोस ही दुश्मन के बड़े से बड़े जंगी जहाज को तबाह कर सकती है. अब लंबी रेंज के साथ ब्रह्मोस दुश्मन के किसी भी जहाज को भारतीय समुद्रों के पास आने से पहले ही तबाह कर सकती है.

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