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JAN-Man Survey: भाजपा ने हर लोकसभा सीट से मांगे 3 नाम, सांसदों की बढ़ गई धुकधुकी

2024 का लोकसभा चुनाव करीब है और भाजपा के सांसदों की टेंशन बढ़ने वाली है. जी हां, पार्टी ने नमो एप पर अपने सांसदों का फीडबैक लेना शुरू किया है जिससे टिकट देने में आसानी हो. जनता से तीन संभावित नाम भी मांगे गए हैं. संकेत साफ है चुनाव में कई सांसदों का टिकट कट सकता है. 

JAN-Man Survey: भाजपा ने हर लोकसभा सीट से मांगे 3 नाम, सांसदों की बढ़ गई धुकधुकी
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Anurag Mishra|Updated: Dec 20, 2023, 01:27 PM IST

BJP Sansad Survey: कुछ हफ्ते पहले जब सांसदों को विधायकी लड़ने के लिए दिल्ली से राज्यों में भेजा गया तो नेता चौंक गए थे. विधायक से सांसद हर तरह से वरिष्ठ होता है. ऐसे में कइयों को लगा कि उनका तो डिमोशन हो गया लेकिन वे करते भी तो क्या करते? भाजपा में स्ट्रक्चर ही ऐसा है कि ग्रुप फोटो में तीसरी पंक्ति में बैठा कोई अनजान चेहरा अगले ही पल मुख्यमंत्री का पद पा सकता है और केंद्र में मंत्री विधायक बनकर रह जाते हैं. खैर, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी भाजपा के सांसदों की धुकधुकी बढ़ाने वाली खबर आई है. जी हां, भगवा दल ने 'जन-मन' सर्वे शुरू किया है. पीएम नरेंद्र मोदी के नमो एप के जरिए सीधे जनता से फीडबैक मांगा गया है.

जनता बताएगी सांसद जी का काम

जनता अपने सांसद जी का परफॉर्मेंस पीएम मोदी और भाजपा को बताएगी. साथ ही लोग अपने चुनाव क्षेत्र के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम भी दे सकते हैं. इससे साफ हो गया है कि पीएम मोदी सिटिंग सांसदों को लेकर जनता का मन टटोल रहे हैं और संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें टिकट मिलेगा. सर्वे में मतदाताओं से कहा गया है कि वे तीन पैरामीटरों पर मौजूदा सांसदों का आकलन करें- 1. वह आपकी पहुंच में हैं या नहीं यानी क्षेत्र में मिलते या दिखते हैं या नहीं. 2- सांसद के कामकाज से आप संतुष्ट हैं या नहीं. 3- तीसरा लेवल लोकप्रियता का है. 

मोदी सरकार पर भी दीजिए राय

इस सर्वे में मोदी सरकार के कामकाज को भी 'खराब से लेकर जबर्दस्त' वाले पैमाने पर रेटिंग करने के लिए कहा गया है. इसमें अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, भविष्य के लिए उम्मीद, दुनिया में भारत का बढ़ता कद, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, सस्ता हेल्थकेयर और रोजगार के अवसर जैसे फैक्टर शामिल हैं. मोदी सरकार के कामकाज को रेट करने के लिए उत्तरदाताओं को कई विकल्प दिए गए हैं जैसे- क्या स्थिति सुधरी है, वैसी ही है, कमी आई है. इससे साफ है कि पार्टी हकीकत से रूबरू होना चाहती है. 

भाजपा ने पांच साल पहले भी टिकट देने से पहले इसी तरह का प्रयोग किया था. अब 2024 शुरू होने से पहले ही वर्तमान सांसदों की चिंता बढ़ सकती है. भाजपा इस सर्वे के जरिए हर लोकसभा सीट के माहौल को भांपना चाहती है और जरूरत पड़ी तो पुराने कैंडिडेट को हटाकर नए चेहरे को तवज्जो मिलेगी. इसी तरह से भाजपा ने हाल में राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी किया था. अंदरखाने से पता चला है कि पार्टी हर हाल में जिताऊ कैंडिडेट चाहती है.

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