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Accident: खुले में सो रहे तीन मजदूरों को ट्रक ने रौंदा, दो की मौत, परिजनों ने की मुआवजे की मांग

Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के उलीझारी में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में बड़ा हादसा हुआ है. रात के अंधेरे में सो रहे मजदूरों को ट्रक ने रौंद दिया. इस घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई है और एक गंभीर रूप से घायल है.

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तीन मजदूरों को ट्रक ने रौंदा
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 10, 2024, 10:52 PM IST

पश्चिमी सिंहभूम: Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के उलीझारी में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में बड़ा हादसा हुआ है. रात के अंधेरे में सो रहे मजदूरों को ट्रक ने रौंद दिया. इस घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई है और एक गंभीर रूप से घायल है. जिसका इलाज रांची के रिम्स अस्पताल में हो रहा है. घटना रविवार की रात करीब 10 बजे की बताई जा रही है. मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य तेलंगाना के हैदराबाद की कंपनी केएमवी प्रोजेक्ट द्वारा कराया जा रहा है. इस दुर्घटना ने मेडिकल कॉलेज निर्माण स्थल पर कामगारों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

बताया जा रहा है कि रविवार की शाम को काम खत्म होने के बाद बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले तीन मजदूर राजकुमार भगत, दीपू राय और गुड्डू कुमार राय सो रहे थे. बिजली नहीं थी, इसलिए गर्मी के कारण तीनों खुले स्थान पर सोए हुए थे. इसी दौरान बैक हो रहे ट्रक ने तीनों को कुचल दिया. आनन फानन में तीनों को इलाज के लिए चाईबासा सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने दीपू राय को मृत घोषित कर दिया. जबकि इलाज के अभाव में राजकुमार भगत की भी रात में ही मौत हो गई. वहीं गंभीर रूप से घायल गुड्डू कुमार राय को रिम्स रांची में भर्ती कराया गया है. सोमवार को दोनों मृतकों के शव का सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया.

रात में ही मृतकों के परिजन बिहार से चाईबासा पहुंच गए थे. वे 25 लाख रुपए मुआवजा की मांग कर रहे हैं. सोमवार देर शाम तक मुआवजा को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन उन्हें नहीं मिल पाया था, जिसके कारण परिजन शवों को लेकर अस्पताल में ही रुके हुए हैं. जब इस पूरे घटनाक्रम पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कर रही कंपनी के प्रतिनिधियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने टाल मटोल करने की कोशिश की. कुछ भी बोलने से बचते रहे. दरअसल यह घटना प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है और इसी कारण कंपनी के लोग मामले को दबाने की कोशिश करते रहे हैं. दिन भर बीत जाने के बाद भी मृतकों और घायल के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया और कंपनी के लोग मीडिया का सामना करने से भी कतराते रहे.

इनपुट- आनंद प्रियदर्शी

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