ब्रश करने के बाद जीभ को साफ करना बेहद जरूरी होता है. आप भी प्रतिदिन ब्रश करने के बाद जीभ को जरूर से साफ करते होंगे.
क्या आप जानते हैं कब से लोग जीभ को साफ करने वाले यंत्र टंग क्लीनर का इस्तेमाल कर रहे है? चलिए हम आपको बता देते हैं.
टंग क्लीनर जिसे लोग जीभ खुरचनी या जीभ ब्रश भी कहते है, इसे जीभ पर मौजूद बैक्टीरिया और गंदगी को साफ करने के लिए यूज किया जाता है.
डॉक्टर के मुताबिक टंग क्लीनर को यूज करना बेहद जरूरी होता है. स्वक्क्ष सांस और जीभ को क्लीन बनाए रखने के लिए हर किसी को इसका इस्तेमाल करना चाहिए.
कहां जाता है कि भारत के आयुर्वेदिक चिकित्सा में 3,000 साल पहले टंग क्लीनर की उत्पत्ति हुई थी. जिसे दैनिक अभ्यास में प्रयोग किया जाता था, इससे मौखिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहता था.
इस अभ्यास का उल्लेख प्राचीन चीनी चिकित्सा ग्रंथों में भी किया गया था, जहां माना जाता था कि यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है.
विदेश में सदियों से लोग जीभ को साफ करने वाले यंत्र टंग क्लीनर का इस्तेमाल करते आ रहे है.
वहीं 20वीं शताब्दी में जीभ को साफ करने वाले यंत्रों की विभिन्न-विभिन्न वैरायटी मार्केट में मिलने लगी. जिससे इसका इस्तेमाल ज्यादातर लोग करने लगे.
आज के समय में लोग अलग-अलग तरह के जीभ साफ करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं. वो या तो प्लास्टिक का बना होता है या फिर धातु जैसे- सोना, चांदी, तांबे, टीन और पीतल.
भारत के उपमहाद्वीप में आधुनिक समय से तांबे के बने टंग क्लीनर का इस्तेमाल किया जा रहा है. कहां जाता है कि तांबे से बना टंग क्लीनर का यूज करना सेहत और मुंह के लिए फायदेमंद होता है.
अगर आप जीभ क्लीनर को गलत तरीके से उपयोग करते है तो इससे आपको उल्टी के साथ जीभ कटने की भी संभावना हो सकती है. इसलिए कभी भी जल्दबाजी में टंग क्लीनर का इस्तेमाल न करें.
यहां प्रस्तुत की गई तमाम जानकारी सामान्य है. Zee न्युज इसकी पुष्टि नहीं करता है.