जिवितपुत्रिका या जितिया उपवास के नियम पूरे तीन दिनों तक चलते हैं. 17 सितंबर को नहाय खाई के साथ जितिया व्रत की शुरुआत होती है. इस दिन महिलाएं स्नान और पूजा के बाद ही भोजन और जल ग्रहण करती हैं. कुछ जगहों पर इस दिन मछली बनाने और खाने के भी नियम हैं. इसके बाद दूसरे दिन यानी 18 सितंबर को जितिया का व्रत रखा जाता है. इस दिन माताएं जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करती हैं. इस दौरान माताएं पूजा-पाठ भी नहीं करती हैं. फिर तीसरे दिन 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद पूजा कर व्रत खोला जाता है. इस दिन विभिन्न प्रकार की सब्जियां बनाई जाती हैं और विशेष भोजन तैयार किया जाता है.
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