इरादे बुलंद हों तो हर मुश्किल रास्ते आसान हो जाते हैं। सीवान के एक मजदूर की बेटी और 5 वीं क्लास की दिव्यांग छात्रा प्रियांशु कुमारी ने ऐसा ही उदाहरण सामने रखा है।अपने सपनों को साकार करने के लिए यह दिव्यांग लड़की एक पैर के जरिए स्कूल जाती है। उसे एक पैर पर संतुलन बनाते हुए करीब 1 किमी की दूरी तय करनी होती है, लेकिन हार नहीं मानती है।डॉक्टर बनना चाहती हैं, इसलिए तमाम तकलीफों को किनारे रखकर एक पैर पर करीब 1 किमी चलकर स्कूल पहुंचती हैं...देखिए ये रिपोर्ट...
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