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Rudrabhishek: सावन के बचे हैं 15 दिन, जानें रुद्राभिषेक का सबसे शुभ मुहूर्त और दिन, बरसेगी शिव की कृपा

अभी सावन महीने के 15 दिन बचे हैं. बता दें कि मलमास की वजह से इस बार सावन का महीना 59 दिनों का है जिसमें से एक महीना मलमास का अभी बीत रहा है जिसकी अमावस्या 16 अगस्त को है, इसके बाद से फिर सावन का दूसरा पक्ष शुरू होगा.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Aug 11, 2023, 05:35 PM IST

Rudrabhishek: अभी सावन महीने के 15 दिन बचे हैं. बता दें कि मलमास की वजह से इस बार सावन का महीना 59 दिनों का है जिसमें से एक महीना मलमास का अभी बीत रहा है जिसकी अमावस्या 16 अगस्त को है, इसके बाद से फिर सावन का दूसरा पक्ष शुरू होगा. भगवान शिव को अतिप्रिय यह महीना वैसे भी उनकी कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. आपको बता दें कि ऐसे में सावन के महीने में किए गए रुद्राभिषेक की वजह से भगवान शिव की कृपा की बरसात होती है. 

ऐसे में इस महीने में किया गया रुद्राभिषेक आपकी संपूर्ण मनोकामनाओं की पूर्ति करता है. इस पूजा में भगवान शिव को जल, दूघ, घी, शहद, शक्कर, गंगा जल, दही से स्नान कराया जाता है. ऐसे में आपको यह भी जानना चाहिए कि सावन में किस दिन रुद्राभिषेक करने से सबसे ज्यादा फल मिलने वाला है. सावन महीने की किसी भी सोमवारी को, शिवरात्रि को, दोनों पक्षों की पंचमी तिथि को और साथ ही त्रयोदशी तिथि को रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है. 

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ऐसे में इन तिथियों पर रुद्रभिषेक करने से शिव की कृपा तो मिलेगी ही, मनवांछित फल की भी प्राप्ति होगी. साथ ही संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति होगी. ऐसे में 17 अगस्त से 31 अगस्त के बीच पड़नेवाली इन तिथियों पर आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इससे आपके अंदर की नकारात्मकता भी मिटेगी और अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा. 
 
सावन को किए जाने वाले भगवान शिव के रुद्राभिषेक ज्यादा फलदायी होते हैं. वैसे आपको बता दें कि इनकी पूजा में बेलपत्र, भांग, धतूरा, आंकड़े का पत्ता और फूल, कमल के पुष्प, गुलाब के पुष्प, अपराजिता के फूल आदि की माला भी भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए. 

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