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Ratna Shastra: इस रत्न का धारण करना होगा चमत्कारी, शिक्षा में आएगी तेजी और धन का लग जाएगा अंबार!

ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में नौ ग्रहों का प्रभाव होता है. यही नौ ग्रह जातक के जीवन में सारे कर्मों का और उनके पूरी जीवन यात्रा का निर्धारण करते हैं.

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फाइल फोटो
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Gangesh Thakur|Updated: Nov 19, 2023, 05:31 PM IST

Ratna Shastra: ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में नौ ग्रहों का प्रभाव होता है. यही नौ ग्रह जातक के जीवन में सारे कर्मों का और उनके पूरी जीवन यात्रा का निर्धारण करते हैं. ऐसे में अगर किसी ग्रह की स्थिति किसी जातक की कुंडली में कमजोर हो या उसका कोई अशुभ असर जातक के जीवन पर देखने को मिल रहा हो तो ऐसे में उससे उबरने के लिए रत्नों के बारे में ज्योतिष में बताया गया है. 

ज्योतिष में नौ ग्रहों के नौ रत्न बताये गए हैं तो वहीं आपको बता दें कि रत्न काफी महंगे होते हैं और आसानी से उपलब्ध नहीं होते ऐसे में नौ रत्नों के 84 उपरत्न भी बताए गए हैं. ये उपरत्न सस्ते भी होते हैं और आसानी से उपलब्ध भी होते हैं. हालांकि रत्नों के वनिस्पत जातक के जीवन पर यह थोड़ा धीमे से असर करते हैं. वैसे आपको बता दें क इन उपरत्नों में से कुछ उपरत्न ऐसे हैं जिनको बहत ज्यादा लोगों के द्वारा धारण किया जाता है. 

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ऐसे में एक उपरत्न है सुनहला जो बृहस्पति के रत्न पुखराज का उपरत्न है. पुखराज के बारे में जानते हीं हैं कि यह काफी महंगा रत्न है.  ऐसे में सुनहला पुखराज की तुलना में काफी सस्ता होता है. यह उपरत्न धारण करनेवाले जातकों के मान-सम्मान में वृद्धि करता है. इसके साथ ही जातक के जीवन में आ रही धन संबंधी परेशानियों को दूर करता है. 

सुनहला जातक के करियर को ऊंचाई पर ले जाने और व्यापार में लाभ देने वाला है. इस उपरत्न को धारण करनेवाले पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है. यह विद्या अर्जित करने में आ रही रुकावटों या पढ़ाई में कमजोर बच्चों को भी धारण करने की सलाह दी जाती है. 

कुंडली में अगर गुरु उच्च का है और शुभ फल दे रहा है तो ऐसे में यह उपरत्न धारण करने से आपके यश, सम्मान और समृद्धि में तेजी से वृद्धि होगी. कर्क लग्न वालों के लिए यह रत्न बेहद फायदेमंद है. गुरु अगर कुंडली में कमजोर हो तो उन्हें बल प्रदान करने के लिए भी इस रत्न को धारण किया जा सकता है. 

सुनहला धारण करनेवालों को ध्यान रखना चाहिए कि इसे आप गुरुवार को धारण करें, और इसे अष्टधातु में ही जड़वाकर पहनना चाहिए. इसे आप दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें. इसके साथ ही इस धारण करने से पहले इसे गाय के दूध, गंगाजल, घी, शहद में रखकर और धोकर धूप-दीप दिखाकर शुद्ध करना चाहिए. धनु और मीन राशि के जातकों के लिए यह रत्न बेहद खास माना गया है. 

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