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Pitru Paksha: करेंगे ये गलतियां तो भोगना पड़ेगा पितृ दोष का कष्ट, ऐसे करें निवारण

पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलने या मोक्ष की तलाश में भटकते रहना ही किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष का निर्माण करता है. इसके साथ ही कई और कारण हैं जो आपके जीवन में पितृ दोष के जरिए कष्ट पैदा करते हैं.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Aug 28, 2023, 07:27 PM IST

Pitru Paksha: पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलने या मोक्ष की तलाश में भटकते रहना ही किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष का निर्माण करता है. इसके साथ ही कई और कारण हैं जो आपके जीवन में पितृ दोष के जरिए कष्ट पैदा करते हैं. आपको बता दें कि सांप को मारना, किसी गरीब, निरीह और कमजोर को सताना, किसी का हक मारना, परिवार में किसी की असमय मृत्यु ये सब जातक की कुंडली में पितृ दोष बनाते हैं. ऐसे में इस दोष का अगर इसका सही और सटीक उपाय नहीं किया जाए तो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है.  

ऐसे में आपको बता दें कि जल्द ही पितृ पक्ष का महीना शुरू होनेवाला है. दुर्गा पूजा से ठीक पहले कृष्ण पक्ष का पंद्रह दिन पितृ पक्ष का दिन माना जाता है. इसे  श्राद्ध का दिन भी कहते हैं ऐसे में शास्त्रों के अनुसार इनदिनों में तर्पण से पितरों को मोक्ष मिलता है और तर्पण-दान करने वाले व्यक्ति की कुंडली में अगर पितृ दोष है तो इससे मुक्ति मिल जाती है. 

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ऐसे में आपको बता देते हैं कि किन वजहों से जीवन में पितृ दोष जैसा लगता है. वैसे ज्यादातर लोग मानते हैं कि पितरों की नाराजग ही इस दोष का कारण है जबकि ऐसा नहीं है. घर में किसी की मृत्यु के बाद अगर उस पुण्यात्मा का विधिवत श्राद्ध और पिंडदान नहीं किया जाए तो भी पितृदोष लगता है. वहीं पितरों का पितृ पक्ष में तर्पण नहीं करने से भी पितृ दोष लगता है. घर में किसी की दुर्घटना में मौत, आत्महत्या या किसी सदस्य के द्वारा किसी की हत्या करने पर भी पितृ दोष लगता है. माता-पिता का अपमान करनेवाले को भी पितृ दोष का कष्ट झेलना पड़ता है. जब किसी जातक की कुंडली में राहु अशुभ हो और मजबूत हो तो भयानक पितृ दोष लगता है. इसके साथ ही कुंडली में चंद्रमा और सूर्य साथ में हो और नीच का हो तो पितृ दोष लगता है. 

ऐसे में पितृ दोष से पीड़ित जातकों का जीवन कष्ट से भर जाता है. व्यक्ति के विवाह में देरी होती है. सगाई होकर टूट जाती है. पूरा वैवाहिक जीवन तनाव में बीतता है. जातक की पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती हैं या गर्भधारण करने के बाद अबॉर्शन की समस्या बार-बार आती है. बच्चे की अकाल मृत्यु भी झेलना पड़ता है. कर्ज में ही जीवन गुजर जाता है. नौकरी और रोजगान में समस्याएं उत्पन्न होती हैं. घर या परिवार में लोगों का आकस्मिक निधन होता है या दुर्घटना होती रहती है. पूरा घर बीमारियों से भरा रहता है. वहीं ऐसे जातक बुरी या गलत संगति में पड़ते हैं और उन्हें बुरी लत भी लग जाती है.  

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