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Shardiya Navratri 2023: माता का वह मंदिर जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित, मूर्ति की जगह ज्योति की होती है पूजा

यह मंदिर भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत राजेन्द्र कॉलोनी में स्थित है. इस मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 1526 ई. में पुनामा प्रतापनगर में की गई थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Oct 19, 2023, 09:35 AM IST

Bhagalpur News: शारदीय नवरात्रि का आज यानी 19 अक्टूबर को 5वां दिन है. नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. ऐसे में माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. बिहार के भागलपुर में एक ऐसा दुर्गा मंदिर है, जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. यहां मूर्ति पूजा नहीं बल्कि 10 दिनों तक लगातार जलने वाली अखंड ज्योति की पूजा होती है.

यह मंदिर भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत राजेन्द्र कॉलोनी में स्थित है. इस मंदिर के इतिहास के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 1526 ई. में पुनामा प्रतापनगर में की गई थी. चंदेल वंश के राजा प्रताप राव ने इस मंदिर को बनवाया था. मंदिर में शुरू से ही महिलाओं को प्रवेश करने नहीं दिया जाता है. महिलाएं मन्दिर के बाहर से माँ भगवती की पूजा अर्चना करती हैं. इस पर किसी महिला को आपत्ति भी नहीं है. 

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मंदिर में बाहरी पुरुषों को भी प्रवेश करने नहीं दिया जाता है. यहां की खासियत यह भी है कि यहां मूर्ति की पूजा नहीं होती है. दुर् गापूजा में दस दिनों तक अखंड ज्योति जलती है. दशवें दिन कलश के साथ ज्योति का विसर्जन किया जाता है. यहां तांत्रिक विधि से पूजा अर्चना होती है, इसलिए यहां सप्तमी की रात में 64 योगिनी की साधना होती है. शिव और शक्ति की पूजा होती है. इस साधना को देखने हजारों लोग पहुंचते हैं. 

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