trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02012041
Home >>Bihar Religion

Vinayak Chaturthi 2023: कल है साल की आखिरी विनायक चतुर्थी, इस प्रकार करें विघ्नहर्ता गणेश की पूजा, मिलेगी सभी कष्टों से मुक्ति

Vinayak Chaturthi December 2023: साल 2023 की आखिरी विनायक चतुर्थी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ेगी. आइए जानते हैं दिसंबर में कब रखा जाएगा विनायक चतुर्थी का व्रत?  

Advertisement
Vinayak Chaturthi 2023: कल है साल की आखिरी विनायक चतुर्थी, इस प्रकार करें विघ्नहर्ता गणेश की पूजा, मिलेगी सभी कष्टों से मुक्ति
Stop
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Dec 15, 2023, 12:23 PM IST

Vinayak Chaturthi December 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश की पूजा का विधान है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत या पूजा-पाठ करता है, उसे बुद्धि और बल की प्राप्ति होती है. साथ ही साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.  साल 2023 के आखिरी महीने यानी दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि दिसंबर में विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा. 

साल की आखिरी विनायक चतुर्थी कब है? (Margshirsh Vinayak Chaturthi 2023)
साल 2023 की आखिरी विनायक चतुर्थी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ेगी. पंचांग के अनुसार इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 15 दिसंबर को रात 10.30 बजे पर शुरू हो रही है और समापन 16 दिसंबर को रात 8 बजे होगा. ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत 16 दिसंबर 2023, शनिवार को रखा जाएगा. 

ये भी पढ़ें- कब है साल का आखिरी एकादशी व्रत? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

विनायक चतुर्थी का महत्व (Vinayak Chaturthi Importance)
विनायक चतुर्थी हिंदू धर्म में पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. यह व्रत विघ्नहर्ता श्री गणेश को समर्पित है . ऐसे में इस दिन व्रत और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
 
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja)
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर अपने सभी दैनिक कार्य पूरे कर लें. फिर भगवान गणेश के सामने प्रार्थना करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद चौकी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. अब पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा करें. पूजन के दौरान दूब (घास) और मोदक चढ़ाना न भूलें. 

ये भी पढ़ें- द्वादश ज्योतिर्लिंग में सबका है अपना अलग महत्व, जानें किसकी पूजा से क्या होगा लाभ

Read More
{}{}