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5th House of Horoscope: कुंडली के 5वें घर में मौजूद ग्रहों की स्थिति देती है कैसा संकेत, जानिए आप

ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में 12 भाव या घर होते हैं. इन्हीं घरों में लग्न भाव भी होता है. इसके साथ ही हर घर में ग्रहों की स्थिति के अनुसार फल भी मिलता है. इसके साथ ही आपको बता दें कि हर घर की अपनी अलग मान्यता है.

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फाइल फोटो
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Gangesh Thakur|Updated: Dec 25, 2023, 04:58 PM IST

5th House of Horoscope: ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में 12 भाव या घर होते हैं. इन्हीं घरों में लग्न भाव भी होता है. इसके साथ ही हर घर में ग्रहों की स्थिति के अनुसार फल भी मिलता है. इसके साथ ही आपको बता दें कि हर घर की अपनी अलग मान्यता है. ऐसे में कुंडली का 5वां भाव या घर ज्योतिष के अनुसार बेहद खास है. ज्योतिष की मानें तो कुंडली का 5वां भाव इंसान के संतान सुख, साहस, प्रेम और ज्ञान को दर्शाता है. इसके साथ ही यह भाव कई और चीजों के लिए भी जाना जाता है. आपको बता दें कि इस भाव को गुरु का भाव माना गया है. ऐसे में इस भाव में अगर गुरु स्थित हों और शुभ हों तो ऐसे जातक की संतान मेधावी होती है और साथ ही खुद जातक बड़ा ज्ञानी होता है. 

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वहीं अगर पंचम भाव में कोई पापी या क्रूर ग्रह हो तो वह अशुभ परिणाम देता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मंगल, शनि, राहु, केतु के साथ सूर्य को भी अशुभ ग्रह माना गया है. वहीं चंद्रमा, गुरु, शुक्र और बुध को शुभ ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे में ये ग्रह अगर पंचम भाव में हों और अशुभ स्थिति में हों तो जातकस के जीवन को नर्क बना देते हैं. जैसे 5वें भाव में कमजोर सूर्य आपको संतान के प्रति चिंतित करता है. साथ ही आपके रोजगार और स्वास्थ्य में काफी परेशानियां देखने को मिलती है. वहीं मंगल का 5वें भाव में होना कई सकारात्मकता के साथ आपके स्वभाव में उग्रता को भी बढ़ाता है. ऐसे जातक गलत संगति में भी पड़ सकते हैं. जुआ-सट्टा खेलने की आदत लग सकती है. उन्हें पेट से संबंधित बीमारियां घेरे रहेंगी. 

वहीं शनि अगर 5वें भाव में हो तो यह आपके धन और स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करेगा. जातक नीरस प्रवृति का हो जाएगा. वह जातक को आलसी और निर्बल भी बनाएगा. राहु अगर इस भाव में हो तो आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां खड़ी करेगा. बच्चों के साथ पिता का संबंध सामान्य नहीं होगा. जातक भ्रम की स्थिति में रहता है. यह आपकी आर्थिक स्थिति पर भी असर डालता है. वहीं केतु का इस घर में होना भी आर्थिक नुकसान की तरफ इशारा करता है. ऐसे जातकों में धैर्य की कमी होती है. 

अब जानते हैं कि अगर इस भाव में शुभ ग्रह विद्यमान हों तो उसका जीवन पर कैसा प्रभाव होगा. इस भाव में चंद्रमा का होना जातक को प्रेम के प्रति ज्यादा वफादार बनाता है. दूसरों के लिए ऐसे जातक के मन में अच्छे भाव होते हैं. हालांकि इस भाव में चंद्र कमजोर हो तो आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव होता है. वहीं परिवार के लिए भी यह बाधा बनता है. 

वहीं अगर गुरु पंचमा भाव में अपने घर में मौजूद हों तो जातक को अच्छा शिक्षक बना देते हैं. ये मधुर वाणी वाले लोग होते हैं. इन्हें संतान का भी अपार सुख मिलता है. ऐसे लोगों को गलत कामों से बचने की जरूरत है. वहीं इस भाव में शुक्र का होना धन लाभ देंगे. ऐसे जातक उदार चित्त वाले हो जाएंगे. दान-पुण्य जमकर करेंगे. ऐसे जातक खूब रोमांटिक होते हैं. लेखन, संगीत आदि कलात्मक क्षेत्रों में इनकी रूची होगी और इन्हें इसमें सफलता भी हासिल होगी. वहीं बुध अगर 5वें घर में हों तो ऐसे लोग लेखन के साथ मीडिया में खूब नाम कमाते हैं. ये बुद्धिमान लोग होते हैं. इनका चरित्र उत्तम और ये सदाचारी होते हैं. इन्हें कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता. बस ऐसे जातकों को लालच से बचने की जरूरत होती है.  

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