Gemstone: कुंडली में ग्रहों की स्थिति ही आपके जीवन के शुभ और अशुभ दोनों तरह की परिस्थितियां पादा करता है. ग्रह कई बार अपनी दशा में होने पर भी अगर अशुभ हो तो वह जातक के जीवन में अपनी प्रकृति के अनुसार उलटे परिणाम देने लगता है. ऐसे में रत्नों को धारण कर आप अपने अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम कर सकते हैं और ग्रहों की शांति भी कर सकते हैं. ऐसे में ज्योतिष की रत्न ज्योतिष शाखा में इसके बारे में जानकारी मिल सकती है.
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शुक्र के बारे में कहा जाता है कि ये जातक की कुंडली में बेहतर स्थिति में हो तो वह जातक को धन-वैभव और ऐश्वर्य से परिपूर्ण कर देता है. ऐसे में अगर इसकी स्थिति कुंडली में खराब हो तो जातक को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में रत्न ज्योतिष की मानें तो ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ नहीं हो या जिनकी कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में हो उसे ओपल धारण करना चाहिए. यह चमत्कारी रत्न है.
वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए ओपल रत्न काफी फायदा देने वाला होता है. वैसे कन्या, मकर और कुंभ राशि के जातक भी इसको धारण कर सकते हैं. ऐसे में जब आपके वैवाहिक जीवन में दिक्कत आ रही हो तो यह रत्न धारण करें तो यह समस्या दूर हो जाएगी. इस रत्न के धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित नहीं होंगे. ओपल को चांदी में धारण करना चाहिए. इसे शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए. इसे सीधे हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए.
रत्न ज्योतिष को धारण करने से आध्यात्मिक गुण का खूब विकास होता है. यह रत्न सकारात्मक भावना को बढ़ाता है. यह रचनात्मकता को बढ़ाकर आपके जीवन में निखार भी लाता है. यह रत्न आपकी सामाजिक लोकप्रियता को भी बढ़ाने वाला है. हालांकि ओपल को कभी भी सूर्य के रत्न माणिक्य और गुरु के रत्न पुखराज को भी नहीं धारण करना चाहिए.