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झारखंड विधानसभा अध्यक्ष बोले- सबको दी गई थी विशेष सत्र की जानकारी, कोई संशोधन आता तो जरूर करते

झारखंड विधानसभा में 1 दिन का विशेष सत्र के दौरान 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण विधेयक पास होने के बाद जहां विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को टारगेट कर रही है, तो इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कल का दिन ऐतिहासिक रहा

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झारखंड विधानसभा अध्यक्ष बोले- सबको दी गई थी विशेष सत्र की जानकारी, कोई संशोधन आता तो जरूर करते
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 12, 2022, 11:47 AM IST

रांचीः Jharkhand Vidhansabha:शुक्रवार को झारखंड की विधानसभा का एक दिवसीय सत्र बुलाया गया था. इस दौरान 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण विधेयक पास किया गया. झारखंड में हर एक दिन नए राजनीतिक मुद्दे निकलकर सामने आ रहे हैं, जिसके वजह से राज्य में उथल-पुथल का दौर जारी है. अब इस 1 दिन के विशेष और एतिहासिक बन गए सत्र को लेकर भी हंगामा खड़ा हो गया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो टारगेट हो रहे हैं. इस एक दिवसीय सत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी बात रखी है. 

उन्होंने कहा कि, विरोध-तर्क आदि लोकतंत्र की खूबसूरती है. जैसे ही 1 दिन की सत्र की बात आई विधानसभा से पक्ष-विपक्ष सभी को समय सीमा भेज दी गई थी. सभी को अगर कोई सुझाव देना था, तो संशोधन डालना चाहिए था, मगर दोनों बिल पर किसी तरह का संशोधन नहीं भेजा गया. पक्ष-विपक्ष के समर्थन से यह दोनों बिल सदन में पास किए गए, अगर इन दोनों बिल पर किसी तरह का कोई संशोधन डाला गया होता तो उनके सुझाव को जरूर सरकार संशोधित करती, अब आगे की कानूनी प्रक्रिया की जाएगी और झारखंड की जनता के लिए यह ऐतिहासिक विधेयक है. 

विधानसभा अध्यक्ष हो रहे टारगेट
झारखंड विधानसभा में 1 दिन का विशेष सत्र के दौरान 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण विधेयक पास होने के बाद जहां विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को टारगेट कर रही है, तो इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कल का दिन ऐतिहासिक रहा, झारखंड की जनता की कई वर्षों से मांग थी, 1932 और ओबीसी आरक्षण का विधेयक पास हुआ. इस दोनों विधेयक का सदन में पक्ष-विपक्ष ने समर्थन किया और विपक्ष का काम आरोप लगाना है. पक्ष का बहुमत है वह अपना काम करेगी. 

यह लोकतंत्र की खूबसूरती है, जैसे ही 1 दिन की सत्र की बात आई विधानसभा से पक्ष विपक्ष को सभी समय सीमा भेज दी गई थी. अगर इन दोनों बिल पर किसी तरह कोई का संशोधन डाला गया होता तो उनके सुझाव को जरूर सरकार संशोधित करती, अब आगे की कानूनी प्रक्रिया की जाएगी और झारखंड की जनता के लिए यह ऐतिहासिक विधेयक है .

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