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PM मोदी ने किया 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' कार्यक्रम का उद्घाटन, झारखंड की 3321 SHC को ट्रांसफर की गई सीड मनी

भारत मंडपम में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन PM मोदी ने किया. ये कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान में 3 नवंबर से 5 नवंबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम का समापन राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी.

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PM मोदी ने किया 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' कार्यक्रम का उद्घाटन, झारखंड की 3321 SHC को ट्रांसफर की गई सीड मनी
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 03, 2023, 02:10 PM IST

Ranchi: भारत मंडपम में 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का उद्घाटन PM मोदी ने किया. ये कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान में 3 नवंबर से 5 नवंबर तक चलेगा. इस कार्यक्रम का समापन राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी. स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के लिए PM मोदी ने एक लाख से ज्यादा SHG सदस्यों को भी बीज पूंजी सहायता देने की शुरुआत की है. इससे SHG को गुणवत्तापूर्ण प्रोडक्ट और बेहतर पैकेजिंग के जरिये बाजार में अच्छे दाम हासिल करने में मदद मिलेगी.

 

'कृषि निर्यात में भारत 7वें स्थान पर'

कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ के निर्यात में पिछले 9 सालों में 150% की वृद्धि हुई हैं. हमारा कृषि-निर्यात विश्व स्तर पर 7वें पायदान पर पहुंचा गया है. खाद्य क्षेत्र में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जिसमे हमारे देश ने प्रगति ना की हो. ये बढ़ोत्तरी आप को भले ही तेज लग रही हो लेकिन ये निरंतर प्रयासों का परिणाम है. 

इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार ने पहली बार देश में कृषि-निर्यात नीति लागू की है. हमारी सरकार ने पूरे भारत में लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क स्थापित किया. 

झारखंड ने भी भारत मंडपम में आयोजित 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2023' कार्यक्रम में हिस्सा लिया है. इस कार्यक्रम में झारखंड एक फोकस स्टेट के रूप में शामिल हुआ है. इसमें 200 से अधिक शेफ शामिल हुए हैं, जो पूरी दुनिया के सामने पारंपरिक भारतीय व्यंजनों को पेश करेंगे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करीब 80 देशों के मेहमान दिल्ली आ गए हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से निवेशकों, उत्पादकों निर्यातकों की भागीदारी पर जोर दिया गया. 

इसका उद्देश्य देश के सरकारी संस्था, उद्योग के पेशेवरों, उद्यमियों, किसानों और अन्य कई हितधारकों को चर्चा में शामिल होने के साथ उनके समक्ष साझेदारी स्थापित करना है. इसके अलावा  कृषि-खाद्य के क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को एक मंच प्रदान करना है.

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