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मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी गठबंधन झारखंड में करेगा राज्यव्यापी प्रदर्शन

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी गठबंधन झारखंड में करेगा राज्यव्यापी प्रदर्शन
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jul 30, 2023, 10:11 PM IST

रांची: विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) हिंसा प्रभावित मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में मंगलवार को झारखंड में राज्यव्यापी प्रदर्शन करके पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाएगा. यह निर्णय यहां कांग्रेस भवन में गठबंधन की राज्य स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया.

इस बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने रविवार को कहा कि हमने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में एक अगस्त को रांची में राजभवन और राज्य के अन्य जिलों के कलेक्ट्रेट के पास विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. राजेश ठाकुर ने कहा कि हम झारखंड के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे और उनसे मणिपुर में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने का आग्रह करेंगे. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ''केंद्र और मणिपुर की डबल इंजन सरकारें'' पूर्वोत्तर राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने में विफल रही हैं. उन्होंने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन मणिपुर में महिलाओं पर और हमले बर्दाश्त नहीं कर सकता. हम राज्य में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हैं. इस बैठक में झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंधु टिर्की, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के राज्यसभा सदस्य विजय हांसदा, झामुमो के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडे के अलावा जनता दल (यूनाइटेड) की झारखंड इकाई के अध्यक्ष खीरू महतो, राष्ट्रीय जनता दल के राजेश यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के अजय सिंह और भाकपा (माले) के जनार्दन सिंह शामिल हुए.

मणिपुर में जनजातीय समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और उनके साथ छेड़छाड़ करने का एक वीडियो सामने आने के बाद राज्य में तनाव और बढ़ गया है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पूर्वोत्तर राज्य की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

इनपुट- भाषा

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