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मंत्री अर्जुन मुंडा बोले- 48 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया एकलव्य विद्यालय

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिरबांकी के उस स्थान में कभी प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था जिसे मावोवादी नक्सलियों ने बम्ब लगाकर उड़ा दिया था. उसी स्थान पर अब शुद्धतम जनजातीय बच्चे बच्चियों को पढ़कर आगे बढ़ने के लिए एकलव्य विद्यालय खुलेगा.

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मंत्री अर्जुन मुंडा बोले- 48 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया एकलव्य विद्यालय
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 06, 2023, 01:22 PM IST

रांची: खूंटी जिले के अड़की थाना के सुदूरवर्ती नक्सली बाहुल्य क्षेत्र बिरबांकी में कभी भी गोलियों की गूंज और हत्या का प्रकोप देखने को मिल ही जाता है. जंगलों से आच्छादित इस क्षेत्र कभी विद्यालय और अस्पतालों में भी बम्ब लगाकर उड़ानें में पीछे नहीं रहा. जिसका मुख्य कारण अशिक्षा और दूरदर्शिता की कमी. जिसे दूर करने के लिए जनजातीय मंत्रालय भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कदम बढ़ाया है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिरबांकी के उस स्थान में कभी प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था जिसे मावोवादी नक्सलियों ने बम्ब लगाकर उड़ा दिया था. उसी स्थान पर अब शुद्धतम जनजातीय बच्चे बच्चियों को पढ़कर आगे बढ़ने के लिए एकलव्य विद्यालय खुलेगा. जनजातीय मंत्रालय के द्वारा 48करोड़ की लागत से बनने वाले इस एकलव्य विद्यालय में प्रखण्ड क्षेत्र के चयनित गरीब होनहार बच्चे बच्चियां शिक्षा ग्रहण करेंगे. जिसे बनाने के लिए 18 माह का समय दिया गया है. 

तयशुदा समय में विद्यालय बन जाने से छठवीं से लेकर प्लस टू तक की पढ़ाई करने का क्षेत्र के लोगों के लिए माध्यम बन जाएगा. जहां के लोग हिंदी बोल या समझ नहीं पाते हैं वहीं बिरबांकी में शिक्षा का दीप जलेगा और पढ़ाई की आवाज से क्षेत्र गूंज उठेगा. तभी लोगों में जागृति आ सकेगी. इसलिए बिरबांकी में ही एकलव्य विद्यालय निर्माण के लिए आधारशिला रखी गई है.

इस विद्यालय के खुलने की प्रक्रिया से स्थानीय विधायक विकास सिंह मुण्डा काफी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि बिरबांकी में एकलव्य विद्यालय खुलने से क्षेत्र का वातावरण बदलेगा, लोग पढ़कर शिक्षित होंगे. कभी यहां का वातावरण कुछ और था लेकिन अब क्षेत्र में बदलाव आएगा. अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिरबांकी में विद्यालय खुलने से यहां का वातावरण बदलेगा और दक्षिणी अड़की सहित पूरे प्रखण्ड के विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था के साथ पढ़ाई करने का माध्यम बनेगा. जिसे 18 माह में पूरा कर दिए जाने से छठवीं से प्लस-टू तक की पढ़ाई एक ही जगह हो जाएगी.

इनपुट - ब्रजेश कुमार

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