Home >>रांची

Jharkhand: स्टेन स्वामी की तरह ही सोरेन पर हो रहा अत्याचार, पूर्व मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया पोस्ट में दावा

Jharkhand Hemant Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि जेल में सोरेन पर उसी तरह का अत्याचार किया जा रहा है, जैसा मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टैन स्वामी के साथ किया गया था और हिरासत में उनकी मौत हो गई थी.

Advertisement
स्टेन स्वामी की तरह ही सोरेन पर हो रहा अत्याचार
Stop
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 07, 2024, 02:27 PM IST

रांचीः Jharkhand Hemant Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि जेल में सोरेन पर उसी तरह का अत्याचार किया जा रहा है, जैसा मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टैन स्वामी के साथ किया गया था और हिरासत में उनकी मौत हो गई थी. सोरेन के जिस फेसबुक खाते से यह पोस्ट किया गया है, उसका प्रबंधन उनकी पत्नी कल्पना सोरेन कर रही हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि नवीनतम लोकसभा चुनाव के परिणाम आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले स्टैन स्वामी की हिरासत में मौत का बदला लेने की शुरुआत है. 

हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. वह अभी जेल में बंद हैं. पोस्ट में कहा गया है, 'जिस तरह सबसे कमजोर वर्ग के लिए आवाज उठाने वाले फादर स्टैन स्वामी को संस्थागत लापरवाही और अन्याय के जरिए चुप करा दिया गया, आज हेमंत सोरेन के साथ भी वैसा ही अत्याचार किया जा रहा है. आज जरूरत है कि झारखंड का हर व्यक्ति हेमंत सोरेन के समर्थन में मजबूती से खड़ा हो. वरना झारखंड को मणिपुर बनने से कोई नहीं रोक सकता.' 

मणिपुर में इम्फाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. सोरेन के सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी कहा गया है, "यह चुनाव और आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता और 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी की गलत तरीके से हिरासत में हुई मौत का झारखंड में बदला लेने की शुरुआत है. उनकी मौत भारत के लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति पर एक धब्बा है.' 

झारखंड में पिछले तीन लोकसभा चुनावों में अपना दबदबा बनाए रखने वाली भाजपा को राज्य के पांच आदिवासी निर्वाचन क्षेत्रों खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा, राजमहल और दुमका में करारी हार का सामना करना पड़ा. इनमें से तीन सीटें सत्तारूढ़ झामुमो ने जीतीं और दो कांग्रेस ने जीती है. खूंटी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से 1.49 लाख मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय उपचुनाव लड़ा और उन्होंने भाजपा के दिलीप कुमार वर्मा को 27,149 मतों से हराया. 

सोरेन की फेसबुक पोस्ट में कहा गया है, "जेसुइट पादरी स्टैन को वृद्धावस्था और पार्किंसंस रोग से पीड़ित होने के बावजूद भाजपा सरकार ने उन्हें झूठे आतंकवाद के आरोपों में फंसाकर जमानत और उचित इलाज देने से इनकार कर दिया. उन्हें पानी पीने के लिए 25 पैसे का स्ट्रॉ भी नहीं दिया गया... जेल की परिस्थितियों से बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण दुर्भाग्य से फादर स्टैन की पांच जुलाई, 2021 को हिरासत में मौत हो गई. वह दशकों तक आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए लड़ते रहे थे.'' 

झारखंड में आदिवासियों के बीच कई वर्षों तक काम करने वाले स्वामी की मुम्बई में मृत्यु हो गई थी. स्टैन की मृत्यु उस मामले में जमानत के लिए उनकी अपील पर सुनवाई से कुछ घंटे पहले हुई जिसमें उन पर 'शहरी नक्सली’ होने का आरोप लगाया गया था. पोस्ट में कहा गया है, ''उनकी मृत्यु भाजपा की आतंकवाद के बहाने विपक्ष और आदिवासियों को दबाने तथा मानवाधिकार कार्यों को अपराध घोषित करने की नीति का उदाहरण है." 

इनपुट- भाषा के साथ 

यह भी पढ़ें- Jharkhand Politics: चंपई और कल्पना सोरेन की अगुवाई ने JMM को दी मजबूती, बीजेपी ने ली चुटकी, कहा- एक बार फिर परिवार बात पर लगेगी मुहर

{}{}