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Ram Mandir Pran Pratishtha: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर गढ़वा में उत्साह, हर जगह राम नाम की धुन

Ram Lalla Pran Pratishtha: अयोध्या में भगवान राम का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है. इसे लेकर गढ़वा मे उत्साह देखने को मिल रहा है. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि अयोध्या के बाद गढ़वा में भी भग0वान राम का बाल रूप है. जिसे भक्त प्यार से लड्डू गोपाल भी कहते है.

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Ram Mandir Pran Pratishtha: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर गढ़वा में उत्साह, हर जगह राम नाम की धुन
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 19, 2024, 03:35 PM IST

गढ़वाः Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में भगवान राम का 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है. इसे लेकर गढ़वा मे उत्साह देखने को मिल रहा है. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि अयोध्या के बाद गढ़वा में भी भग0वान राम का बाल रूप है. जिसे भक्त प्यार से लड्डू गोपाल भी कहते है.

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तिमय माहौल
इस वक्त पूरे विश्व में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तिमय माहौल है. सभी जगहों पर राम नाम की धुन है. ऐसे में हम बात गढ़वा की कर रहे है. तो यहां एक अलग ही माहौल 22 जनवरी को देखने को मिलेगा. इसकी वजह गढ़वा के मंदिर का अयोध्या के भगवान राम मंदिर से जुड़ाव है. अयोध्या में भगवान राम के बाल रूप के बाद झारखंड के गढ़वा में ही भगवान राम का बाल रूप है. यहां के लोग प्यार से लड्डू गोपाल भी कहते है. 

22 जनवरी को उमड़ेगी रामलला मंदिर में लाखों भक्तों की भीड़ 
22 जनवरी को इस मंदिर मे लाखों लोगों की भीड़ उमड़ेगी. क्योंकि सभी अखाड़ों की भीड़ भगवान राम के दर्शन हेतु रामलला मंदिर आएगी. इसके अलावा छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश के अलावा झारखंड के अन्य जिले के लोग जो अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे, वो यहां आकर दर्शन करेंगे. मंदिर की पुजारन भी 22 जनवरी को लेकर खासी उत्साहित नजर आ रही है. क्योंकि उन्हें भी मालूम है कि भगवान राम का वनवास अब खत्म होने वाला है. दीपोत्सव वाली खुशी अब आ रही है. वहीं पुरोहित ने बताया कि 22 जनवरी को मंदिर मे एक हजार एक दिये से दीपोत्सव मनाया जाएगा. अखंड कीर्तन होगा और भंडारे भी का आयोजन किया जाएगा.

दो सौ वर्ष पुराना रामलला मंदिर
रामलला मंदिर लगभग दो सौ वर्ष पुराना है. यहां के एक व्यवसायी के बेटे की मौत हो गई थी. पहले यह मंदिर श्मशान घाट था, लेकिन जब व्यवसायी बेटे की मौत हुई तो यहां के पुजारी ने यह कहते हुए मृतक को जिंदा कर दिया कि राम लला कभी मर नहीं सकते. बस यही से व्यवसायी ने भगवान रामलला की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करने लगे. स्थानीय लोगों की इस मंदिर से बहुत आस्था है.

इनपुट-आशीष प्रकाश राजा

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