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Ghulam Rasool Baliyavi: हजारीबाग में जेडीयू नेता के विवादित बोल, कहा- हम शहरों को कर्बला बना देंगे

Ghulam Rasool Baliyavi: गुलाम ने कहा 'रांची को जाम कर दो. अक्सर गैरों के झंडे लेकर निकलते हो. बता दो हुक्मरानों को कि हम राख के नीचे दबे ज़रूर हैं, बुझे नहीं हैं. 

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Ghulam Rasool Baliyavi: हजारीबाग में जेडीयू नेता के विवादित बोल, कहा- हम शहरों को कर्बला बना देंगे
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Vikas Porwal|Updated: Jan 19, 2023, 08:00 PM IST

रांचीः Ghulam Rasool Baliyavi: झारखंड के हजारीबाग में जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने भाजपा के साथ-साथ सीएम सोरेन पर भी निशाना साधा और इस दौरान उन्होंने विवादित बयान भी दे दिया. रसूल ने कहा कि 'मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे तो अभी तो हम कर्बला मैदान में इकट्ठा हुए हैं, उनकी इज्जत के लिए हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे.' उन्होंने यह बयान भाजपा से निष्कासित नेता नुपुर शर्मा पर निशाना साधते हुए दिया. 

हजारीबाग में सभा को किया संबोधित
गुलाम रसूल बलियावी यहीं नहीं रुके, उन्होंने लगभग उकसाने वाले अंदाज में लोगों से अपील करते हुए कहा कि 'रांची को जाम कर दो, अक्सर गैरों के झंडे लेकर निकले हो, अपने झंडे लेकर निकलो और हुक्मरानों को कि हम राख के नीचे दबे ज़रूर हैं, बुझे नहीं हैं' असल में जेडीयू के वरिष्ठ नेता गुरुवार को झारखंड में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर भी आरोप लगाए. 

सीएम पर भी साधा निशाना
उन्होंने सीएम सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड में उर्दू खत्म हो रही है. आप सेक्युलर गवर्नमेंट चलाते हो तो, तुमको तुम्हारी बिरादरी ने इतना वोट नहीं दिया, जितना मुसलमानों ने झोला भर कर दिया है. बलियावी ने राजनीतिक पार्टियों पर आरोप लगाया कि खुद को सेकुलर बताने वाली किसी पार्टी ने नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग नहीं की. 

रसूल ने की सेफ्टी एक्ट बनाने की मांग 
गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि 'कोई रियायत नहीं होगी इसलिए कि मेरी ज़िंदगी मेरी नहीं है, मेरी सांसे मेरी नहीं हैं. जीने की तमन्ना वो करें जिसके पास रसूल का नूर न हो. हम तो इसी आरजू तमन्ना से जीते हैं कि मरने के बाद एक दिन ऐसा भी आएगा जब कोई नहीं रहेगा. मैं रहूंगा मेरा रसूल रहेगा, कोई समझौता नहीं होगा.'

इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों के लिए सुरक्षा एक्ट की भी मांग की. गुलाम ने कहा 'रांची को जाम कर दो. अक्सर गैरों के झंडे लेकर निकलते हो. बता दो हुक्मरानों को कि हम राख के नीचे दबे ज़रूर हैं, बुझे नहीं हैं. उन्होंने 17 एजेंडे सुनाए और पब्लिक से सहमति मांगी. कहा कि दलितों की तरह मुसलमानों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी एक्ट बनना चाहिए. सत्ता में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. मेरे बच्चों को रोजगार मिलना चाहिए. दहेज खत्म होना चाहिए.'

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