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धोनी की अवमानना याचिका पर उच्च न्यायालय ने अपनाया कड़ा रुख, दिया ये बड़ा आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ ने शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी जी संपत कुमार को क्रिकेटर एम एस धोनी की अवमानना याचिका के संबंध में नौ दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया.

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 (फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 11, 2022, 08:19 PM IST

Ranchi: मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ ने शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी जी संपत कुमार को क्रिकेटर एम एस धोनी की अवमानना याचिका के संबंध में नौ दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश और न्यायमूर्ति आर एम टी टीका रमण की पीठ ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया. 

धोनी ने किया था HC का रूख

धोनी ने क्रिकेट मैच फिक्सिंग के मामले में उच्चतम न्यायालय और कुछ वरिष्ठ वकीलों के खिलाफ कथित बयानों के लिए संपत कुमार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने और समन जारी करने की प्रार्थना के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया है. मूल रूप से, धोनी ने 2014 में एक दीवानी मुकदमा दायर किया था ताकि संपत कुमार को मैच फिक्सिंग और क्रिकेट मैचों के स्पॉट फिक्सिंग से उनको (धोनी को) जोड़ने वाले किसी भी निंदनीय और आपत्तिजनक बयान देने से स्थायी रूप से रोका जा सके. 

धोनी ने उच्च न्यायालय से संपत कुमार को हर्जाने के तौर पर 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया. उच्च न्यायालय ने 18 मार्च 2014 को पारित एक अंतरिम आदेश द्वारा संपत कुमार को धोनी के खिलाफ कोई भी बयान देने से रोक दिया था. रोक के आदेश के बावजूद संपत कुमार ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष कथित तौर पर एक हलफनामा दायर किया जिसमें उनके खिलाफ मामलों में न्यायपालिका और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी. 

जब इसे उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया गया, तो उसने भी दिसंबर, 2021 में इसे रिकॉर्ड पर रखा. अवमानना याचिका दायर करने के लिए इस साल 18 जुलाई को महाधिवक्ता आर षणमुगसुंदरम से सहमति प्राप्त करने के बाद, धोनी ने 11 अक्टूबर को वर्तमान अवमानना याचिका दायर की. अदालत के 2014 में पारित अंतरिम आदेश के उल्लंघन में न्यायपालिका के खिलाफ संपत कुमार टिप्पणी के लिए यह याचिका दायर की गई. 

(इनपुट भाषा के साथ)

 

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