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खूंटी में मछली पालन बना रोजगार का आधार, पैलोल डैम में जिला प्रशासन ने लगाए केज

Fish farming: खूंटी से छह किमी दूर खूंटी-सिमडेगा रोड पर प्रकृति के बीच स्थित मनोहर मनमोहक पैलोल डैम हमेशा से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. पर्यटन होने के साथ साथ ये डैम मछली पालन का पर्याय बन गया है. लगभग 30 एकड़ में फैले इस डैम में मछली पालन का कार्य किया जाने लगा है.

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खूंटी में मछली पालन बना रोजगार का आधार, पैलोल डैम में जिला प्रशासन ने लगाए केज
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 25, 2022, 03:36 PM IST

खूंटी: Fish farming: खूंटी से छह किमी दूर खूंटी-सिमडेगा रोड पर प्रकृति के बीच स्थित मनोहर मनमोहक पैलोल डैम हमेशा से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. पर्यटन होने के साथ साथ ये डैम मछली पालन का पर्याय बन गया है. लगभग 30 एकड़ में फैले इस डैम में मछली पालन का कार्य किया जाने लगा है. हालांकि पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए पेलौल‌ डैम फिलहाल कुछ व्यवस्था नहीं की गई है, लेकिन लोग सेल्फी लेने, फोटोग्राफी करने और पिकनिक के लिए दूर दूर से यहां पहुंचते हैं.

मछली पालन के लिए केज बनाया गया

जिला प्रशासन की पहल पर पैलौल डैम में मछली पालन के लिए केज बना दिया गया है. जहां एक किलो तक के साइज का मछली हो गया है. हालांकि वर्तमान में केवल तेलपीया, कवई मछली ही डैम में है. लाखों रुपए की लागत से मछली पालन के लिए डैम के बीच घर, पार्टिशन एरिया और बोट उपलब्ध कराया गया है. जो अब लोगों के लिए आमदनी का साधन बन गया है.

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प्रशासन की अच्छी व्यवस्था

मछली पालक अजय स्वांसी ने बताया कि व्यवस्था तो बेहतरीन दिया गया है. लेकिन मछलियों के लिए दाना और मछलियों के और भी प्रकार का जीरा नहीं है. जिसके कारण एक ही प्रकार का मछली पालन कर रहे हैं. प्रतिदिन मछलियों को दाना देना उसकी सुरक्षा आदि की देखभाल करना पड़ता है. वहीं मछली पालक एनेम सांगा ने बताया कि मछली पालन के लिए जिला प्रशासन की ओर से ये सभी व्यवस्थाएं दी गयी है. साथ ही, मछली भी दी गयी है. हम लोगों का घर चलाने के लिए रोजगार का साधन बना है, लेकिन पूंजी की कमी और चारा का व्यवस्था नहीं कर पाने के कारण ज्यादा मछली पालन नहीं कर पा रहे हैं.

इनपुट- ब्रजेश कुमार

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