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26 हजार शिक्षकों की बहाली पर छिड़ी सियासी जंग, भाजपा ने पूछा- किस नीति के तहत होगी

हेमंत सोरेन का चुनावी मुद्दा है इसे पूरा करने का संकल्प नहीं है. अब जनता युवा समझ गई है. इस सरकार से कुछ होने वाला नही है. हेमंत सोरेन ठग के सरदार बन गए है. झारखंड के युवाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया जा रहा है.

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26 हजार शिक्षकों की बहाली पर छिड़ी सियासी जंग, भाजपा ने पूछा- किस नीति के तहत होगी
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jul 20, 2023, 06:35 PM IST

रांची: झारखंड सरकार 26 हजार शिक्षकों की बहाली करने का विज्ञापन निकाला है. इस विज्ञापन के बाद फिर भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई है और राज्य सरकार से इस बहाली किस नीति के तहत की जाएगी यह स्पष्ट करने की मांग किया है. इस कड़ी में भानु प्रताप शाही ने सरकार से स्थानीय नीति और 1932 के मामले में अपना रुख साफ करने की मांग किया.

भानु प्रताप शाही ने कहा कि हेमंत सोरेन की साढ़े 3 साल की सरकार चल रही है. इस सरकार की सहयोगी कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह कहा गया था कि पारा शिक्षकों को स्थायी किया जाएगा और झामुमो ने अपने घोषणा पत्र में स्थायी के साथ साथ सम्मान मानदेय देने का वादा किया था. अब फिर 26 हजार शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया है. लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि किस नियोजन नीति और स्थानीय नीति पर शिक्षकों की बहाली करने जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही 1932 के मामले को अपने भाषण में दोहराया की 1932 हमारा मुद्दा है. यह हेमंत सोरेन का चुनावी मुद्दा है इसे पूरा करने का संकल्प नहीं है. अब जनता युवा समझ गई है. इस सरकार से कुछ होने वाला नही है. हेमंत सोरेन ठग के सरदार बन गए है. झारखंड के युवाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया जा रहा है.

शिक्षक के बहाली में यह नियम बनाया गया है कि टेट पास ही शिक्षक बहाली के परीक्षा में बैठ सकते है. लेकिन इसका भी जवाब देने की जरूरत है कि क्या आपने टेट की परीक्षा ली है, इस तरह से नियम बनाने से करीब आठ लाख बच्चें परीक्षा में बैठने से वंचित हो जाएंगे.

नियोजन नीति अब तक निर्धारित नहीं की गई है. तो क्या 40 प्रतिशत बाहरी लोगों को परीक्षा में शामिल कराने का काम करेंगे. 26 हजार शिक्षक की बहाली में मुख्यमंत्री को साफ करना चाहिए कि आखिर वह बहाली किस आधार पर कर रहे है. इस सरकार में तुष्टिकरण चरम पर है. सरकार ने 26 हज़ार शिक्षक की बहाली टेट पास के बाद भी परीक्षा ले रही है लेकिन अल्पसंख्यक स्कूलों में सीधे शिक्षक की बहाली कर दी गई है.

मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले कहा था कि शेर दो कदम पीछे गया है बड़ी छलांग के लिए.लेकिन वह तो मिट्टी के शेर है,दो कदम पीछे हटने के बाद उल्टा मुड़ कर भाग गए है. राज्य में पारा शिक्षक,टेट पास समेत सभी लोगों को छलने का काम किया है.

इनपुट- कामरान जलीली

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