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Bihar Land Survey: जमीन सर्वे में स्वामित्व के लिए मान्य होंगे ये तीन साक्ष्य, पुराने रसीद से भी बन जाएगा काम

Bihar Land Survey: बिहार में हो रहे जमीन सर्वे को लेकर लोगों के मन में तरह तरह के सवाल चल रहे हैं. ऐसे में इस सर्वे में किन साक्ष्यों की जरुरत है यहां जानें.

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बिहार जमीन सर्वे
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Sep 06, 2024, 08:30 PM IST

पूर्णिया: बिहार में इन दिनों जमानी सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. वहीं इस दौरान लोगों के मन ये सवाल चल रह है कि अगर उनके पास जमीन का स्वामित्व नहीं है तो उनके जमीन का क्या है होगा. ऐसे में लोगों के मन उठ रहे सवाल को खत्म करने के लिए पूर्णिया के अमौर प्रखंड में जन सभा का आयोजन किया गया. प्रखंड के विष्णुपूर पंचायत स्थित जनता हाई स्कूल विष्णुपुर मैदान में भूमि सर्वेक्षण को लेकर ग्रामसभा शिविर में लोगों के मन उठ रहे सभी सवालों का जवाद दिया गया. इस ग्रामसभा में मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि बिहार में जमीन सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है. एक साल के अंदर काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

शिविर प्रभारी एवं कानूनगो ने कहा कि रैयत या जमीन मालिकों को सर्वे के दौरान अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे. जिसके बाद सरकारी रिकॉर्ड से इन दस्तावेजों का मिलान होगा. मिलान के बाद ही सभी दस्तावेजों को अंतिम रूप से अपलोड किया जाएगा. जमा किए गए दस्तावेजों में जमीन मालिक का नाम, खसरा-खाता संख्या अन्य किसी चीज का मिलान सरकार के पास मौजूद रिकॉर्ड से एगर नहीं होता है तो उस जमीन के कागजों को अपलोड नहीं किया जाएगा. ऐसी स्थिति में संबंधित व्यक्ति को अपने जमीन के सही दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जाएगा. इसके बाद भी अगर व्यक्ति ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए तो सरकारी रिकार्ड में जमीन को मौजूद नाम पर दर्ज कर दिया जाएगा.

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ग्रामसभा में कानूनगो ने बताया कि जमीन स्वामित्व के लिए तीन तरह के साक्ष्य मान्य होंगे. किसी के पास अगर पुश्तैनी जमीन है तो उसके लिए खतियान, खरीदी गई जमीन के लिए रजिस्ट्री और सरकार से मिली हुई जमीन के लिए पर्चा या बासगीत पर्चा मान्य होगा. किसी जमीन की रसीद अगर अपडेट नहीं है, तो उसके लिए पुरानी रसीद भी मान्य होगी. अगर दाखिल-खारिज नहीं भी हुई है, तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. उन्होंने बताया कि रैयत को वंशावली के साथ साथ खतियानी जमीन से सबंधित प्रमाण पत्र के अलावा खुद की घोषणापत्र देने की भी आवश्यकता है.

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