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अमित शाह के दौरे से ठीक पहले नवादा पहुंचे सम्राट चौधरी, कहा जिसका पॉलीटिकल DNA खराब वह दूसरे...

बिहार की सियासत में इन दिनों 2024 के लोकसभा चुनाव के इर्द-गिर्द घूम रही है. आपको बता दें कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सभी दलों की तरफ से जीत के लिए कोशिश शुरू कर दी गई है. लगातार यहां सियासी समीकरण बदलते जा रहे हैं.

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(फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Mar 31, 2023, 05:05 PM IST

नवादा: बिहार की सियासत में इन दिनों 2024 के लोकसभा चुनाव के इर्द-गिर्द घूम रही है. आपको बता दें कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सभी दलों की तरफ से जीत के लिए कोशिश शुरू कर दी गई है. लगातार यहां सियासी समीकरण बदलते जा रहे हैं. एक तरफ नीतीश कुमार बिहार में NDA से अलग होकर महागठबंधन के साथ मिलकर सत्ता चला रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा नीतीश की पार्टी जदयू और महागठबंधन के अन्य दलों के खिलाफ मोर्चा खोलकर खड़ी है. बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर भाजपा का ध्यान केंद्रित है. 

2019 के लोकसभा चुनाव में जब नीतीश की पार्टी, सहयोगी दल और भाजपा मिलकर इन 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी तो 39 सीटों पर इस गठबंधन ने जीत हासिल की थी. अब नीतीश का साथ नहीं है तो ऐसे में भाजपा नीतीश की पार्टी के हिस्से में आई सीटों पर अपना दबदबा बनाना चाहती है. आपको बता दें कि इसको लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बिहार के बड़े नेता प्रदेश में एक्टिवहैं. अमित शाह तीन बार बिहार का दौरा कर चुके हैं. इसमें से सबसे पहले उनके निशाने पल सीमांचल का क्षेत्र रहा. इसके बाद वह जेपी के गांव और वैशाली पहुंचे थे और फिर उनका दौरा वाल्मिकी नगर का रहा. इस बार 6 महीने के भीतर चौथी बार अमित शाह बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. 

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ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले भाजपा के नेता और कार्यकर्ता फिर से एक्टिव हो गए हैं. अमित शाह के नवादा दौरे को लेकर बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी यहां पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नवादा के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि बिहार में अब महागठबंधन से कोई लड़ाई नहीं है. हां यह जरूर है कि अभी सात पार्टियां मिलकर सरकार चला रही हैं. जिसमें मुख्य रुप से दो ही पार्टियां हैं एक का तो पूरे बिहार से सूपड़ा साफ होने वाला है और दूसरे का कुछ वोट बच गया है. 

उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड इस बार शून्य पर आउट होने वाली है. उन्होंने कहा कि अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में किसी को भरोसा नहीं रहा. उनके ही पार्टी के लोग उन पर भरोसा नहीं कर रहे हैं और ना ही उनका जनमत बचा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार भाजपा को धोखा देकर सरकार बनाने का काम किया है, उससे बिहार की जनता भी समझ चुकी है कि नीतीश कुमार सिर्फ अपने लिए जीते हैं. उन्होंने कहा कि जिस समय नीतीश कुमार कुछ नहीं थे, उस समय मैं मंत्री बना था. मुख्यमंत्री तो वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री बने हैं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तक सात पार्टियां बदली है. जिसका खुद का पॉलीटिकल डीएनए खराब है, वह दूसरे का पॉलिटिकल डीएनए क्या तय करेगा. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश अध्यक्ष रहूंगा, तब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अब कोई समझौता होने वाला नहीं है.

 

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