Patna: Bihar News In Hindi: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में घंटों पूछताछ के बाद गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके आधिकारिक आवास से हिरासत में ले लिया. इसी कड़ी में आज हम आप से लालू यादव से जुड़े एक किस्से के बारे में बताएंगे, जिसमे उन्हें पकड़ने के लिए जांच एजेंसी को सेना तक मदद लेनी पड़ गई थी.
चारा घोटाले में गिरफ्तार करने आई थी सीबीआई
90 के दशक में लालू के नाम का बोलबाला पटना से लेकर दिल्ली तक था. इस दौरान ही चारा घोटाले में लालू को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर सीबीआई की टीम पहुंची थी. इस दौरान लालू को गिरफ्तार करने के लिए टीम को बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा था. लालू के समर्थकों ने टीम को चारों तरफ से घेर लिया लिया था. अपनी किताब में सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक उपेंद्र नाथ विश्वास ने बताया था कि जांच के बाद हमें ये लगा था कि अब लालू को गिरफ्तार करना पड़ेगा, लेकिन ये इतना आसान भी नहीं था.
जब सीबीआई की टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर पहुंची तो कई लोगों ने उन्हें घेर लिया. इसके बाद सीबीआई ने मदद के लिए स्थानीय पुलिस को कॉल की थी, लेकिन उस समय लालू मुख्यमंत्री थी और कोई भी पुलिसकर्मी उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार नहीं था. इसको लेकर कैबिनेट सेक्रेटरी से भी बात की गई थी, लेकिन उन्होंने ने भी कोई मदद नहीं की. उपेंद्र नाथ विश्वास किसी भी हालात में लालू गिरफ्तार करना चाहते हैं. उनके पास लालू को गिरफ्तार करने का वारंट था. जब उन्हें कहीं से भी कोई मदद मिलती हुई ना दिखी तो उन्होंने सेना से सहायता लेने की सोची. लेकिन सेना ने सीधे तौर पर मना कर दिया.
सेना के अफसर ने जवाब देते हुए कहा कि आर्मी केवल अधिकृत सिविल अथॉरिटी के अनुरोध पर ही मदद करती है. सेना मुख्यालय के निर्देश के बाद ही वो कोई कार्रवाई सकते हैं. हालांकि बाद में कोर्ट के दखल के बाद लालू ने खुद ही अदालत में सरेंडर कर दिया था.