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New Teacher Manual: नीतीश सरकार की धमकी के बाद भी नई शिक्षक नियमावली का विरोध, कई जिलों में धरना जारी

नीतीश सरकार की ओर से कार्रवाई की धमकी देने के बाद भी पूरे प्रदेश में शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन जारी है. धरने में शामिल शिक्षकों ने नीतीश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

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K Raj Mishra|Updated: May 25, 2023, 09:54 AM IST

Bihar Shikshak Niyamavali: बिहार में नई शिक्षक नियमावली का विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में प्रदेश के शिक्षक अब नीतीश सरकार से खुली लड़ाई करने के मूड हैं. सरकार की ओर से कार्रवाई की धमकी देने के बाद भी पूरे प्रदेश में शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन जारी है. धरने में शामिल शिक्षकों ने नीतीश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की.

बेगूसराय में शिक्षकों ने बुधवार (24 मई) को कलेक्ट्रेट को घेरकर वहां पर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन की अध्यक्षता अनुमंडल अध्यक्ष चिन्मय आनंद ने की. इस प्रदर्शन के दौरान बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ सुरेश प्रसाद राय ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार यदि अपनी हठधर्मिता को नहीं छोड़ती है और नई नियमावली को वापस नहीं लेती तो शिक्षक संघ इस सरकार को ही उखाड़ फेंकेगी. 

पूर्णिया में भी शिक्षकों ने धरना दिया. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनके इस सत्याग्रह आंदोलन के बाद भी सरकार बीपीएससी की परीक्षा लिए जाने पर विचार नहीं करती तो प्रदर्शनकारी शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी आने वाले चुनाव में सरकार को अपनी ताकत दिखाएंगे. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर बीपीएससी की परीक्षा नहीं देंगे.

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बता दें कि नई शिक्षक नियमावली के अनुसार, शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए बीपीएससी का एग्जाम क्वालीफाई करना होगा. वहीं शिक्षकों का कहना है कि जो शिक्षक 17 वर्षों से सेवा देकर विद्यार्थियों को पढ़ा रहा है, उन्हें काम लायक बना रहा है. अब उनसे ही परीक्षा ली जाएगी. उन्होंने कहा कि यह नियमावली पूर्णता गलत बनाई गई है. शिक्षकों को परेशान करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं. सरकार को शिक्षकों की बहाली ही नहीं करनी है.

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गढ़वा का बुढ़ा पहाड़ जहाँ पर आदिम जनजाति के बच्चे पहले बम की आवाज सुना करते थे, जहां पर पढ़ने की सख्त मनाही थी, बच्चे डर की साये मे अपना जीवन जीते थे. आज वहीं सीआरपीफ की मदद से छोटे छोटे बच्चे पढ़ाई करने जा पाते हैं.

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