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भगवान बुद्ध और महावीर में अंतर नहीं जानते शिक्षा मंत्री! विपक्ष तो यही लगा रहा इल्जाम

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रदेश की राजनीति में बवाल का पर्याय बनते जा रहे हैं. एक तो हिंदू धर्मग्रंथ रामचरित मानस को लेकर उनके बयान ने पहले ही बखेड़ा खड़ा कर रखा था. उनकी पार्टी की शह पर वह अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं नजर आ रहे है.

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(फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Apr 07, 2023, 11:38 PM IST

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रदेश की राजनीति में बवाल का पर्याय बनते जा रहे हैं. एक तो हिंदू धर्मग्रंथ रामचरित मानस को लेकर उनके बयान ने पहले ही बखेड़ा खड़ा कर रखा था. उनकी पार्टी की शह पर वह अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं नजर आ रहे है. अब वह एक साथ दो सरकारी पदों पर रहने और वेतन का लाभ लेने के मामले में एक बार फिर घिर गए हैं. दरअसल चंद्रशेखर पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने गंभीर आरोप लगाए हैं और नीतीश कुमार से उनकी यथाशीघ्र बर्खास्तगी की मांग की है.

बता दें कि चंद्रशेखर को लेकर सुशील मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट किए और लिखा कि इस बार महावीर जयंती पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भगवान बुद्ध की तस्वीर पोस्ट कर जैनियों को बधाई दी. बिहार के शिक्षा मंत्री अगर भगवान बुद्ध और भगवान महावीर को न पहचान पाये, तो इससे ज्यादा दुखद क्या होगा?

सुशील मोदी इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने आगे लिखा कि नीतीश कुमार ने लालू यादव के दबाव में आकर चंद्रशेखर को बिहार का शिक्षा मंत्री बनाया. उन्होंने लिखा कि जो व्यक्तिगत ईमानदारी और लोकलाज को ताक पर रख कर वर्षों से शिक्षक और मंत्री , दोनों पदों का वेतन उठा रहे हैं. जिस शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के कारण बिहार को बार-बार शर्मसार होना पड़ रहा है, उन्हें अविलम्ब बर्खास्त कर उनसे अब तक के किसी एक वेतन की राशि वसूल की जानी चाहिए.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि डा. चंद्रशेखर औरंगाबाद के जिस कॉलेज में शिक्षक के नाते वेतन ले रहे हैं, वहां 15 साल से पढ़ाने भी नहीं गए. उन्होंने आगे कहा कि यही चंद्रशेखर थे जिनके सूटकेस से दिल्ली हवाई अड्डे पर कारतूस बरामद हुआ था. ऐसे हथियार-शौकीन व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बनाये रखकर नीतीश कुमार छात्रों को क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या इससे बिहार का अपमान नहीं हो रहा है?

उन्होंने आगे लिखा कि सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री का पैर छूने वाले इसी शिक्षा मंत्री ने एक दीक्षांत समारोह में लोकप्रिय धर्मग्रंथ श्रीरामचरित मानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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