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Nitish Cabinet: 75% आरक्षण के बाद 'बिहार को विशेष राज्य' का दर्जा दिलाने की बारी, नीतीश कैबिनेट ने पास किया प्रस्ताव

Bihar Cabinet Meeting: बिहार में आरक्षण सीमा को भी बढ़ाकर 75 फीसदी करने के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है. 2010 से यह मांग उठ रही है.

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फाइल फोटो
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 22, 2023, 05:42 PM IST

Bihar Cabinet Meeting: सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार (22 नवंबर) को हुई कैबिनेट की महत्वूपर्ण बैठक में कुल 40 एजेंडों पर मुहर लगी. इस बैठक में सरकारी कर्मचारियों को तोहफा देते हुए नीतीश सरकार ने महंगाई भत्ता मे इजाफा किया है. वहीं नई आरक्षण नीति को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने पर कैबिनेट की मुहर लगी. इसके अलावा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास हुआ. मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना को स्वीकृति मिली. इसके तहत अब 3600 नई बसों की खरीदी होगी. वहीं सरकार प्रति बस 5 लाख रुपये का अनुदान देगी. 

'विशेष राज्य' का दर्जा की मांग

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है. देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है. जाति आधारित गणना के बाद आरक्षण सीमा को भी बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी. सीएम ने कहा कि 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रुपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है.

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अगले 5 साल का लक्ष्य निर्धारित

मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रुपये के बदले 02 लाख रुपये दिये जायेंगे. इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी. इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. सीएम ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो राज्य सरकार इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेगी.

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2010 से चला आ रहा है यह मुद्दा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं. इसके लिए 24 नवम्बर 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार की मांग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट सितम्बर 2013 में प्रकाशित हुई थी. लेकिन उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया.

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