पटना: Bihar Bypoll 2022: बिहार में दो सीटों गोपालगंज और मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से राजद के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इन दोनों क्षेत्रों में मुख्य मुकाबला भाजपा और राजद के बीच माना जा रहा है. लेकिन, अब तक साफ तौर पर जदयू के नेताओं और कार्यकतार्ओं में वह उत्साह नहीं देखा जा रहा है.
बिहार की मोकामा सीट से भाजपा ने बाहुबली नेता ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है. सोनम देवी का मुकाबला राजद की प्रत्याशी नीलम देवी से है. नीलम देवी राजद के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी हैं. एक मामले में अनंत सिंह के सजायाफ्ता होने के बाद उनकी विधायकी चली गई और मोकामा सीट खाली हो गई.
वहीं गोपालगंज से भाजपा की उम्मीवार कुसुम देवी हैं. कुसम देवी दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी हैं. उनका मुकाबला राजद के मोहन गुप्ता से है. भाजपा के विधायक रहे सुभाष सिंह के निधन से गोपालगंज सीट खाली हो गई.
दोनो सीटों पर सभी प्रत्याशी चुनाव जीतने को लेकर पूरा जोर लगा रहे है. लेकिन, अब तक जदयू का कोई बड़ा नेता इस क्षेत्र में प्रचार करने नहीं पहुंचा है.
मोकामा विधानसभा क्षेत्र मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. ऐसे में मुंगेर के सांसद और जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह का अब तक नहीं आना कई सवाल खड़े करता है.
राजद के प्रत्याशियों के नामांकन पर्चा दाखिल करने के समय भी जदयू का कोई बड़ा चेहरा उपस्थित नहीं हुआ था, जिस कारण महागठबंधन में जदयू की नाराजगी के कयासों को और बल मिला.
अनंत सिंह कभी जदयू के नेता थे और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के करीबी माने जाते थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से दोनों के बीच की दूरियां बढ़ गई. अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह कांग्रेस के टिकट पर मुंगेर सीट से चुनाव लड़ीं, लेकिन जीत जदयू के ललन सिंह की हुई.
2020 के विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट से अनंत सिंह ने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. अब राज्य में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं और जदयू-राजद साथ आ गए हैं, जिसके बाद मोकामा में उपचुनाव हो रहे हैं.
इधर, भाजपा के संतोष पाठक कहते भी हैं, जदयू और राजद को गठबंधन कहा ही नहीं जा सकता. यह तो सत्ता के लिए समझौता है. उन्होंने यहां तक कहा कि जदयू मोकामा में राजद प्रत्याशी के खिलाफ काम कर रही है.
इधर, गोपालगंज में भी यही स्थिति दिख रही है. गोपालगंज में भी अब तक जदयू के नेता खुलकर राजद प्रत्याशी के समर्थन में नहीं उतरे हैं. ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
इस बीच, हालांकि जदयू के एक नेता नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं, राजद को जब भी जरूरत होगी, जदयू के नेता चुनाव प्रचार में जाएंगे. उन्हें अब तक जरूरत महसूस नहीं हुई है. भाजपा ख्याली पुलाव पका रही है. इस उपचुनाव में दोनो सीटों पर महागठबंधन की जीत तय है.
दोनों सीटों पर तीन नवंबर को मतदान होना है.
(आईएएनएस)