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Janta Darbar: नीतीश के जनता दरबार में जब खुलने लगी प्रशासन की पोल, फिर सीएम ने किया ये काम

नीतीश कुमार ने बिहार में निकाली अपनी समाधान यात्रा अभी समाप्त करने के बाद अब अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार ने एक बार फिर से जनता दरबार लगाना शुरू कर दिया है. इस जनता दरबार में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचने लगे हैं.

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(फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Feb 20, 2023, 03:53 PM IST

पटना : नीतीश कुमार ने बिहार में निकाली अपनी समाधान यात्रा अभी समाप्त करने के बाद अब अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार ने एक बार फिर से जनता दरबार लगाना शुरू कर दिया है. इस जनता दरबार में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचने लगे हैं. इसी क्रम में आज सीएम नीतीश कुमार ने एक जनता दरबार लगाया जहां उनके सामने अपनी समस्या बताने के लिए आए एक शख्स ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर खुद नीतीश कुमार हैरान थे. 

दरअसल नीतीश कुमार के जनता दरबार में एक आदमी अपनी बिजली बिल की समस्या लेकर पहुंचा और फिर उसने सीएम के सामने ही प्रशासन की पोल खोलनी शुरू कर दी. उसने सीएम के सामने कहा कि वह लगातार 2019 से बिजली के बिल का भुगतान समय से करता आ रहा है लेकिन जनवरी 2022 में उसके पास अचानक 38 हजार रुपए का बिल आ गया.  उसने सीएम को बताया कि वह इस बिल के साथ अपने जेई के पास आवेदन लेकर गया तो उसकी ही गलती बताते हुए उसे वहां से भेज दिया गया. 

शख्स इस मामले में आवेदन लेकर संबद्ध विभाग के एसडीओ के पास पहुंचा तो उन्हें एसडीओ से जवाब मिला कि 'मैनेज कर लीजिए' नहीं तो 20 हजार और बढ़ाकर देना पड़ेगा. इसके बाद युवक ने बताया कि वह मामले को लेकर लोक शिकायत में गया जहां उसे कहा गया कि विभाग ने जो बिल दिया है वह सही है. इसके बाद नीतीश कुमार ने तुरंत इसके बारे में विभाग को बताया और इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा.  

वहीं सीएम के जनता दरबार में लोग अपने यहां की खस्ताहाल सड़कों की शिकायत लेकर भी पहुंचे. लोगों के पास सड़कों को लेकर समस्याओं का अंबार था. ढेर सारे ऐसे लोग जनता दरबार में पहुंचे थे जिनके गांव तक सड़कें नहीं पहुंची हैं. वह लगातार सीएम से कह रहे थे कि वह इसको लेकर हर जगह गए लेकिन समस्या का कोई निराकरण नहीं मिला. अब थक हारकर जनता दरबार में आए हैं. ग्रामीणों ने यह तक बताया कि गांव में सड़क नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. किसी के बीमार हो जाने पर गांव तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंचती है. सीएम ने इन सभी लोगों की समस्या को ध्यान से सुनने के बाद ग्रामीण कार्य विकास विभाग को इसके बारे में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. 

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