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Vinayak Chaturthi: काम में मिलेगी सफलता और सारे विघ्न-बाधा होंगे दूर, विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा

Vinayak Chaturthi: विनायक चतुर्थी साल के प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस साल आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी 22 जून यानी कल गुरुवार को मनाई जाएगी.

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Vinayak Chaturthi: काम में मिलेगी सफलता और सारे विघ्न-बाधा होंगे दूर, विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 21, 2023, 11:27 AM IST

Vinayak Chaturthi: विनायक चतुर्थी साल के प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की शुरुआत 19 जून से हो गई है, जिसके कारण इस साल आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी 22 जून यानी कल गुरुवार को मनाई जाएगी. विनायक चतुर्थी के दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र गणेश की पूजा की जाती है.

विनायक चुतर्थी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, साल 2023 की आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 21 जून यानी आज बुधवार को दोपहर 03 बजकर 09 मिनट पर शुरू हो रही है और 22 जून यानी गुरुवार की शाम 05 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. विनायक चतुर्थी की पूजा दिन में की जाती है. भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 13 बजकर 47 मिनट तक है.

कैसे करें विनायक चतुर्थी की पूजा
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस दिन अहले सुबह सबसे पहले स्नान करें और इसके बाद भगवान गणेश को स्नान कराएं. स्नान कराने के बाद गणेश जी को सिंदूर, नारियल, मोदक दुर्वा, कुमकुम, हल्दी लगाएं और पूजा करें. इसके बाद भगवान गणपति के मंत्रों का 108 बार जाप करें और गणपति जी के स्त्रोत और चालीसा का पाठ करें. अंत में गणपति जी की आरती करें.

विनायक चतुर्थी के दिन इस मंत्र का करें जाप 
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। 
निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। 

विनायक चतुर्थी का व्रत करने के लाभ
भगवान गणेश को धन, बल, बुद्धि, विद्या का देवता माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करते हैं, उन्हें जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि भगवान गणेश की उपासना करने से धन, बल, बुद्धि, विद्या और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन व्रत और पूजा करने पर भक्तों के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं. उन्हें जीवन में कष्ट नहीं झेलने पड़ते हैं. इसके साथ ही बुध और राहु-केतु से हो रही परेशानियां भी दूर होती हैं. उपासक को कार्यक्षेत्र में सफलता भी मिलती है.

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