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Sawan 2023: शिव के इस मंदिर में होते हैं 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, भोलेनाथ की है 51 फीट ऊंची मूर्ति

सावन में शिव भक्त बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करते हैं. हालांकि, 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा करना हर किसी के लिए संभव नहीं है. जो लोग पैसे के अभाव में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पाते हैं. वे एक ही स्थान पर एक ही शिव मंदिर में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं. 

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K Raj Mishra|Updated: Jul 30, 2023, 12:12 PM IST

12 Jyotirlings: सावन का पतित-पावन महीना चल रहा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ को ये महीना काफी प्रिय है. इसलिए महादेव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने उनका पूजन किया जाता है. इस दौरान शिव भक्त बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करते हैं. हालांकि, 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा करना हर किसी के लिए संभव नहीं है. जो लोग पैसे के अभाव में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पाते हैं. वे एक ही स्थान पर एक ही शिव मंदिर में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं. 

ये मंदिर पश्चिम बंगाल के हावड़ा में स्थित है. उत्तर हावड़ा के बंगेश्वर महादेव मंदिर के परिसर में 12 ज्योतिर्लिंगों को स्थापित किया गया है. इससे एक ही मंदिर परिसर में सभी बारह ज्योतिर्लिंगों के एक साथ दर्शन होते हैं. इस मंदिर में पंचमुखी भगवान भोलेनाथ की 51 फीट ऊंची मूर्ति है. सावन में इस मंदिर में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलती है. यहां बड़ी दूर-दूर से शिवभक्त दर्शन करने आते हैं. सोमवार को यहां विशेष पूजा-पाठ होती है.

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कहां-कहां स्थापित हैं 12 ज्योतिर्लिंग?

देश में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं. जिनमें तमिलनाडु में रामेश्वरम स्थित है. गुजरात में सोमनाथ और आंध्र प्रदेश में श्रीशैल नाम के पर्वत पर मल्लिकार्जुन स्थापित हैं. मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ओंकारेश्वर स्थित हैं. उत्तराखंड में केदारनाथ, महाराष्ट्र में भीमा शंकर और त्र्यंबकेश्वर स्थित हैं. यूपी के काशी (बनारस) में विश्वनाथ और झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ स्थित हैं. नागेश्वर, गुजरात में और घुशामेश्वर महाराष्ट्र में स्थित है.

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आज मुस्लिम समुदाय के लोग कांवड़िया पथ में पानी पिलाकर सेवा दे रहे हैं. उनका कहना है कि बचपन में कांवड़िया पथ पर बम देखने आते थे और कांवड़िया बम द्वारा फेंका हुआ इंकलेट को हम सभी उठाकर पैर में पहन लेते थे और उस से फुटबॉल खेलते थे और उसी समय से सभी बम को पानी पिलाते थे.

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