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बिहार में महागठबंधन दलों के बीच सियासी संग्राम, सुधाकर और कुशवाहा के बयान ने बढ़ाई मुश्किल

RJD-JDU Politics in Bihar: बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद से एक तरफ तो विपक्षी दल भाजपा ही इस गठबंधन को लेकर बेमेल गठजोड़ बताकर हंगामा मचा रही है. वहीं महागठबंधन के दलों के बीच भी सबकुछ सामान्य चल रहा है ऐसा नजर नहीं आता.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Jan 03, 2023, 01:24 PM IST

पटना : RJD-JDU Politics in Bihar: बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद से एक तरफ तो विपक्षी दल भाजपा ही इस गठबंधन को लेकर बेमेल गठजोड़ बताकर हंगामा मचा रही है. वहीं महागठबंधन के दलों के बीच भी सबकुछ सामान्य चल रहा है ऐसा नजर नहीं आता. खासकर राजद और जदयू के नेताओं के जुबानी जंग ने तो सियासी पारा ही गरम कर रखा है. बता दें कि महागठबंधन में जदयू, हम, कांग्रेस और राजद समेत कई दल शामिल हैं, वहीं सरकार जदयू प्रमुख नीतीश कुमार चला रहे हैं और राजद नेता तेजस्वी यादव इसमें डिप्टी सीएम के तौर पर काम कर रहे हैं. इस सब के बीच दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर बयानों के जरिए हमला करने से भी नहीं चूकते हैं.

बता दें कि तेजस्वी यादव की पार्टी के विधायक और सरकार के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह और जदयू नेता और पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बीच इन दिनों जुबानी जंग इतनी तेज हो गई है कि इसनें बिहार की सियासत का तापमान बढ़ा दिया है. सुधाकर सिंह लगातार सीएम नीतीश कुमार व बिहार सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उनके इस रवैये के कारण सरकार में विरोधी सुर उठ रहे हैं और जदयू-राजद में तनातानी साफ दिख रही है.राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने सीएम नीतीश को शिखंडी और नाइट वॉचमैन बता दिया. इसी बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह और तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए खूब खरी खोटी सुनाई और तेजस्वी से अपने विधायक के बयानों पर रोक लगाने के लिए कहा. जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह के बयान को लेकर तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना अच्छा होगा. गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी. कुशवाहा ने कड़े शब्दों में नसीहत देते हुए तेजस्वी के लिए एक बड़ी फेसबुक पोस्ट लिखी. उन्होंने लिखा 'तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताइए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है. वे उस शख्सियत को 'शिखंडी' कह रहे हैं, जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की 'मर्दानगी' दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे. ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जदयू और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को चोट पहुंचती है, जिन्होंने उस दौर में नीतीश कुमार का साथ-सहयोग दिया, कुर्बानी दी.

वहीं इसके जवाब में अब सुधाकर सिंह की तरफ से भी बयान आ गया है, सुधाकर ने कुशवाहा को पत्र लिखकर कटाक्ष करते हुए कहा है कि लालू प्रसाद यादव की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं. वहीं उन्होंने आगे लिखा कि इसके साथ ही कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे में जो भी भविष्यवाणियां की थीं वह आज सच साबित हो रही हैं.उन्होंने आगे लिखा कि मुझे याद है कि 2011 में नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए आपने जदयू छोड़ दी थी. इसके साथ ही सुधाकर सिंह ने आगे लिखा कि चार वर्ष पहले आपके द्वारा आयोजित की गई “नीतीश हटाओ भविष्य बचाओ” पदयात्रा आज भी हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणाश्रोत है और हमें पुरी उम्मीद है कि नीतीश कुमार को हटाने के लिए जो नींव आपने चार वर्ष पहले रखी थी वह जल्द पूरी होगी.

वहीं इस पूरे सियासी संग्राम में हम के संरक्षक जीतन राम मांझी भी कूद गए हैं और अब उन्होंने सुधाकर सिंह के बयान को लेकर RJD पर निशाना साधते हुए मांग की है. उन्होंने तेजस्वी से मांग करते हुए लिखा है कि आप सुधाकर सिंह पर यथाशीघ्र कार्रवाई करें. ऐसे में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ ही महागठबंधन के बरकरार रहने को लेकर भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. मांझी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि नीतीश कुमार पर अभद्र टिप्पणी करके सुधाकर सिंह ने साबित कर दिया है कि भले ही वह राजद में हों पर उनकी आत्मा आज भी अपने पुराने दल भाजपा के साथ ही है. ऐसे में राजद की जवाबदेही बनती है कि अविलंब सुधाकर सिंह पर कारवाई करें,यही गठबंधन धर्म का पालन होगा.

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