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Raksha Bandhan Special: अनोखा मंदिर जहां बहनें करती हैं भाईयों के लिए पूजा, रक्षाबंधन पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

बिहार के सिवान में एक ऐसा मंदिर है, जिसमें ना ही भगवान की मूर्ति है, ना ही कोई तस्वीर है. लेकिन फिर भी इस मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ती है. दरअसल, इस मंदिर को भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है.

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Raksha Bandhan Special: अनोखा मंदिर जहां बहनें करती हैं भाईयों के लिए पूजा, रक्षाबंधन पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 30, 2023, 12:59 PM IST

सिवानः बिहार के सिवान में एक ऐसा मंदिर है, जिसमें ना ही भगवान की मूर्ति है, ना ही कोई तस्वीर है. लेकिन फिर भी इस मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ती है. दरअसल, इस मंदिर को भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. यहां पर भाई और बहन की पूजा की जाती हैं. यह प्राचीन मंदिर भैया-बहिनी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. 

रक्षाबंधन पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ 
महाराजगंज अनुमंडल के दरौंदा प्रखंड के भीखा बांध गांव में स्थित इस मंदिर में रक्षाबंधन को लेकर पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. बहनें मंदिर में बने मिट्टी के पिंड और मंदिर के बाहर लगे बरगद के पेड़ो की पूजा कर अपने भाईयों की सलामती, उन्नति और लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस मंदिर में एक अनोखी तस्वीर भी देखने को मिली. जहां एक मासूम छात्र प्रतिदिन स्कूल की छुट्टी होने के बाद स्कूल ड्रेस पहने हुए साइकिल से इस मंदिर पर पूजा करने पहुंच जाता हैं और अपनी बहन की सलामती, उन्नति और दीर्घायु के लिए कामना करता हैं. यह तस्वीर वाकई में भाई-बहन के पवित्र रिश्तों और प्यार की अनूठी मिसाल है.

भैया-बहिनी मंदिर की ऐसी है मान्यता
गौरतलब है करीब 6 बीघे के जमीन में चारों ओर से बरगद के पेड़ो के बीच बने इस भैया-बहिनी मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि मुगल शासन काल में इस तरफ से गुजर रहे दो भाई-बहनों ने डाकुओं और बदमाशो से अपने को बचाने के लिए धरती के अन्दर समाधी ले ली थी. कालांतर में दोनों की समाधियों पर दो बरगद के पेड़ उग आये जो की आपस में एक दुसरे से जुड़े थे. लोगों ने बरगद के पेड़ को उन्ही भाई-बहनों का रूप मान लिया और वहां एक छोटा सा मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना करनी शुरू कर दी. जो धीरे-धीरे बहनों के आस्था का केंद्र बन गया.

(रिपोर्ट-अमित सिंह)

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