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रोगियों की जान पर आ जाती है बात, हो जाए अगर डायबिटीज-हाइपरटेंशन का साथ, रहें सावधान

टाइप 2 डायबिटिज के साथ हाइपटेंशन होने पर arteries में रक्त का दबाव सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. यदि सामान्य रक्तचाप 140/90 से अधिक दर्ज किया जाता है तो उसे हाइपटेंशन कहा जाता है. वहीं, डायबिटिज के मरीजों को यह बीमारी होने से इन हालातों को सहविकृतियां कहां जाता है. 

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(फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 19, 2022, 12:16 PM IST

Patna: डायबिटीज आज के समय में एक सामान्य बीमारी बन गई है. लेकिन टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस वर्तमान में असंक्रामक बीमारियों का एक सामान्य रूप है. लोगों का काफी तेजी से रहन सहन का तरीका बदल रहा है जिस वजह से टाइप 2 डायबिटिज से लगभग 77 मिलियन लोग ग्रसित हैं. वहीं पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के कारण यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई है. टाइप 2 डायबिटिज से लम्बे समय तक ग्रसित तक रहने के कारण बॉडी ब्लड शुगर को ठीक ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाता है. इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को हाइपरटेंशन जैसी समस्या होती है तो स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. 

सहविकृती होने से बढ़ती है समस्या 
इसके अलावा टाइप 2 डायबिटिज के साथ हाइपटेंशन होने पर arteries में रक्त का दबाव सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. यदि सामान्य रक्तचाप 140/90 से अधिक दर्ज किया जाता है तो उसे हाइपटेंशन कहा जाता है. वहीं, डायबिटिज के मरीजों को यह बीमारी होने से इन हालातों को सहविकृतियां कहां जाता है. रिसर्च के अनुसार जिन लोगों को महज डायबिटिज की समस्या है, उसकी तुलना में डायबिटिज के साथ हाइपरटेंशन के मरीजों के मामले कई गुना ज्यादा है. 

होती है कई प्रकार की समस्याएं
डायबिटिज के साथ हाइपरटेंशन मरीजों की समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा देता है. दोनों बीमारी एक साथ होने से जीन, ब्लड ग्लूकोज को भी सही ढंग से नियंत्रित करने में विफल होता है. जिसके कारण मोटापा, असामान्य कोलेस्ट्रॉल आदि की भी समस्या बढ़ती है. स्टडी के अनुसार एक शोध में भाग लेने वाले डायबिटिज के लगभग 42 प्रतिशत मरीज हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे थे. इन सभी रोगियों की उम्र औसतन 45 साल थी. बताया जाता है कि इस अध्ययन के लिए टाइप 2 डायबिटिज मेलिटस के केवल नए रोगियों को ही हिस्सा बनाया गया था. जिनमें से ज्यादा तर रोगी डायबिटिज का उपचार नहीं करवा रहे है. 

लाइफ स्टाइल में बदलाव से हो सकता है सुधार 
डॉक्टरों के साथ रह कर अपने रहन सहने में सुधार करके डायबिटिज और हाइपरटेंश को नियंत्रित किया जा सकता है. जिसके लिए रोगियों को अपने खाने पीने, नियमित शारीरिक सक्रियता और वजन को नियंत्रित कर लम्बे समय के लिए इस प्रकार की गंभीर बीमारियों से निजात पाया जा सकता है. जिसके लिए डायबिटिज और हाइपरटेंशन के रोगियों को सभी चीजों पर ध्यान देना होगा. इस प्रकार की बीमारी को स्वंय अपने प्रयास, कसरत, खान पान और बदलते लाइफ स्टाइल को ठीक करके नियंत्रित किया जा सकता है.

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