trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02289990
Home >>पटना

प्रशांत किशोर ने दल बनाने को लेकर किया ऐलान, जानें बिहार की सियासत में कब मारेंगे एंट्री?

Prashant Kishor Statement: प्रशांत किशोर ने कहा कि सामान्य आदमी अकेले तो पार्टी नहीं बना सकता. जन सुराज अभियान का उद्देश्य है कि लोगों की ताकत को एकजुट किया जाए ताकि वे मिलकर एक नया विकल्प बना सकें, जिसे हर व्यक्ति खोज रहा है.

Advertisement
प्रशांत किशोर ने दल बनाने को लेकर किया ऐलान, जानें बिहार की सियासत में कब मारेंगे एंट्री?
Stop
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 12, 2024, 01:27 PM IST

पटना: जन सुराज के सूत्रधार और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पिछले 18 महीनों से पदयात्रा कर रहे हैं. बुधवार को उन्होंने कहा कि बिहार में 50 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि एक नया राजनीतिक दल बने. उनका मानना है कि अगर बिहार में सुधार होना है तो एक नया दल या नया विकल्प जरूरी है. क्योंकि पिछले 30 वर्षों से लोग लालू, नीतीश और बीजेपी से तंग आ चुके हैं और उनके जीवन में कोई सुधार नहीं हो रहा है. लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि वे किसे वोट दें. प्रशांत किशोर ने यह भी घोषणा की कि 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज पार्टी का गठन होगा.

प्रशांत किशोर ने कहा कि सामान्य आदमी अकेले तो पार्टी नहीं बना सकता. जन सुराज अभियान का उद्देश्य है कि लोगों की ताकत को एकजुट किया जाए ताकि वे मिलकर एक नया विकल्प बना सकें, जिसे हर व्यक्ति खोज रहा है. उन्होंने बताया कि पहले वे पार्टियों और नेताओं को सलाह देते थे कि कैसे वे अपनी पार्टी को संगठित कर सकें और चुनाव जीत सकें. अब वही काम वे बिहार के लोगों के लिए कर रहे हैं ताकि वे एक साथ आकर नया दल बना सकें.

प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी सलाह से पहले नेता और उनके बच्चे चुनाव जीतते थे, लेकिन अब उनकी सलाह से बिहार की जनता जीतेगी और उनका जीवन सुधरेगा. वे मानते हैं कि जैसे दही को मथकर मक्खन निकाला जाता है, वैसे ही समाज को मथकर बिहार से ऐसे लोगों को निकालेंगे जो जनता के आशीर्वाद और वोट से जीतकर आएंगे और जनता का राज स्थापित करेंगे। दो साल में जनता का राज बनेगा.

प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका पहला संकल्प है कि चाहे नाली-गली बने या न बने. स्कूल और अस्पताल जब सुधरेंगे तब सुधरेंगे, लेकिन एक साल के अंदर ही बिहार के बाहर कमाने गए लोगों और गांव में बेरोजगार युवाओं को रोजी-रोजगार मिलेगा. वे कम से कम 10 से 15 हजार रुपये का रोजगार देने का वादा करते हैं. उनका मानना है कि इससे बिहार की जनता का जीवन बेहतर होगा और वे जीत हासिल करेंगे.

ये भी पढ़िए-  कटिहार से अमृतसर के बीच कितनी दूरी तय करती है आम्रपाली एक्सप्रेस, जानें कितना लगता है समय

 

Read More
{}{}