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बिहार की राजनीति में क्या कुछ बड़ा होनेवाला है? NDA का चंपारण-मगध तो महागठबंधन का सीमांचल के लिए तैयार है प्लान

बिहार की राजनीतिक तापमान में इन दिनों खूब वृद्धि हुई है. बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद से ही एक तरफ जहां भाजपा अपने जनाधार को मजबूत करने में लगी हुई है. वहीं भाजपा की तरफ से राजद और जदयू को भी खूब निशाने पर रखा जा रहा है.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Feb 09, 2023, 05:29 PM IST

पटना : बिहार की राजनीतिक तापमान में इन दिनों खूब वृद्धि हुई है. बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के बाद से ही एक तरफ जहां भाजपा अपने जनाधार को मजबूत करने में लगी हुई है. वहीं भाजपा की तरफ से राजद और जदयू को भी खूब निशाने पर रखा जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार का महागठबंधन के साथ जाना भी उनके कई करीबियों को रास नहीं आ रहा है. आरसीपी सिंह से लेकर प्रशांत किशोर तक जहां पहले ही जदयू से नाता तोड़कर नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं वहीं अब नीतीश के बेहद करीबी उपेंद्र कुशवाहा भी उनको झटका दे रहे हैं. 

दरअसल बिहार की राजनीति में तेजस्वी का बढ़ता कद और नीतीश की तरफ से तेजस्वी के नेतृत्व को आगे स्वीकारने का इशारा पार्टी के भीतर ही कई लोगों को नहीं पच रहा है. इसी के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा खड़े हो गए हैं. वहीं प्रशांत किशोर कह चुके हैं कि नीतीश और तेजस्वी के बीच इसी को लेकर डील हुई थी तो वहीं भाजपा भी नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच हुई डील को लेकर दावा और साथ ही निशाना भी साध रही है. इस सब के बीच बिहार की लोकसभी सीटों और विधानसभा सीटों पर सभी पार्टियों की नजर है. 

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा सीमांचल में भी अपना दबदबा कायम करना चाहती है. इसके साथ ही बिहार की जिन सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है उन सीटों पर भी उसकी निगाह है और इसको लेकर लगातार रणनीति तैयार की जा रही है. बिहार में केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही भाजपा के कद्दावर नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है. वहीं अमित शाह लगातार बिहार पर खुद नजर रख रहे हैं. जेपी नड्डा की भी नजर बिहार पर है ऐसे में अमित शाह और जेपी नड्डा का बिहार दौरा समय-समय पर चल रहा है. 

महागठबंधन सरकार के प्रदेश में गठने के बाद सीमांचल के दौरे पर अमित शाह पहुंचे थे और पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में उन्होंने अपनी सभा की थी और यहां से वह महागठबंधन के खिलाफ आवाज बुलंद करने के साथ भाजपा नेताओं के भीतर जोश भरने का काम कर चुके हैं. हालांकि इसके ठीक बाद महागठबंधन की तरफ से भी पूर्णिया में सभा की गई थी और वह सभा भाजपा को जवाब देने की कोशिश के तौर पर थी. 

इस बार फिर से एक बार महागठबंधन के घटक दल पूर्णिया की उसी रंगभूमि मैदान से संयुक्त रैली के जरिए भाजपा को ललकारने की योजना बना चुके हैं. इस रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एक साथ मंच पर नजर आएंगे. महागठबंधन अपनी एकता और ताकत भाजपा को दिखाने के लिए यह कर रही है. इससे भी बड़ी बात की यह रैली उसी दिन हो रही है जिस दिन अमित शाह बिहार के दौरे पर होंगे. मतलब सबकुछ एकदम सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है. 

बता दें कि 25 फरवरी को अमित शाह का बिहार दौरा तय है.बिहार के वाल्मीकि नगर और पटना में उनकी सभाएं होनी हैं. बिहार में उनकी दो सभाएं होंगी. अमित शाह की पहली सभा वाल्मीकि नगर और दूसरी सभा पटना में होगी. बता दें कि पूर्णियां में अमित शाह के बिहार दौरे के दिन ही महागठबंधन की रैली को लेकर भाजपा ने तंज कसा है. वहीं जदयू का कहना है कि वह जाति और धर्म देखकर कार्यक्रम का आयोजन नहीं करती है. ऐसे में 25 फरवरी को बिहार में एनडीए और महागठबंधन दोनों का शक्ति परीक्षण होनेवाला है. अब ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर इस पूरे आयोजन में कौन किस पर भारी पड़ता है. लोकसभा चुनाव से पहले यह एक तरह से दोनों ही एनडीए और महागठबंधन का सियासी शक्ति परीक्षण ही तो है. 

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