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बिहार के सरकारी अस्पताल में कराइए इलाज, अब कैंसर से लेकर किडनी तक की दवा मिलेगी मुफ्त

Government Hospitals of Bihar: बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नई सरकार के गठन के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं की बिहार के में बदहाल स्थिति को सुधारने में लग गए हैं.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Jan 10, 2023, 02:12 PM IST

पटना : Government Hospitals of Bihar: बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नई सरकार के गठन के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं की बिहार के में बदहाल स्थिति को सुधारने में लग गए हैं. इसके तहत तेजस्वी यादव लगातार बिहार के सरकारी अस्पतालों के दौरे कर रहे हैं और यहां की व्यवस्था को बेहतर बनाए जाने का निर्देश देते रहे हैं. 

वहीं अब केंद्र सरकार के निर्देश के बाद बिहार सरकार के सभी सरकारी अस्पतालों में मिलनेवाली आवश्यक दवाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई है. अभी तक 387 दवाएं ही सरकारी अस्पतालों की सूची में शामिल थी, अब इनकी संख्या को बढ़ाकर 611 कर दी गई है. मतलब अब बिहार में 611 किस्म की दवाएं मुफ्त मिलेंगी. मतलब अब केंद्र सरकार की नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन की सूची में 611 दवाओं के शामिल किया गया है और इसे सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जिले के अंदर पड़नेवाले(सदर) अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल हॉस्पिटल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, स्वास्थ्य उपकेंद्र और  BIMHAS के लिए संशोधित किया गया है.

सूची में से कुछ ऐसी दवाओं को हटाया गया है जिसका इस्तेमाल कम हो रहा था. वहीं 224 नई दवाओं को इसमें शामिल कर इसकी संख्या 611 हो गई है. बता दें कि महिलाओं और बच्चों की बीमारी से जुड़ी दवाएं इसमें सबसे ज्यादा शामिल हैं. इसके अलावा कैंसर, डायलिसिस, किडनी रोग, हीमोफिलिया, थैलीसीमिया आद बीमारियों की दवाएं भी इस सूची में शामिल हैं.

हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से सूची में 700 तरह की दवाइयां  शामिल की गई हैं लेकिन बिहार को 622 तरह की दवाएं निःशुल्क मिलेंगी. देशभर के सभी राज्यों में ई-औषधि पोर्टल के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति की जाती है. जिसमें दूसरे स्थान पर बिहार का नंबर आता है. बिहार इस पोर्टल के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति, वितरण और निगरानी के मामले में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है. 

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