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शुरू हुआ मलमास, ऐसे एक साथ करें भगवान विष्णु और शिव को प्रसन्न

19 साल बाद सावन के महीने में मलमास लगा है. आपको बता दें कि भगवान विष्णु का यह सबसे प्रिय महीना शिव के सबसे पावन, पवित्र और पसंदीदा महीने के बीच पड़ा है. इसे मलमास, अधिक मास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Jul 18, 2023, 05:03 PM IST

Purushottam Maas Upay: 19 साल बाद सावन के महीने में मलमास लगा है. आपको बता दें कि भगवान विष्णु का यह सबसे प्रिय महीना शिव के सबसे पावन, पवित्र और पसंदीदा महीने के बीच पड़ा है. इसे मलमास, अधिक मास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. ऐसे में 19 साल बाद ही सही सबों को शिव और विष्णु की कृपा एक साथ पाने का मौका इस बार मिला है. 18 जुलाई से अधिक मास की शुरुआत हो रही है और यह 16 अगस्त तक होगा. हालांकि इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने पर पूरी तरह से रोक होती है लेकिन, भगवान नारायण यानी विष्णु भगवान की पूजा के लिए यह सबसे उपयुक्त समय माना गया है. 

वहीं सावन क महीने में पड़ने के कारण मलमास का यह महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए भी खास है. ऐसे में इस बार भगवान नारायण और महादेव दोनों की कृपा एक साथ कैसे पाएं यह हम आपको बताएंगे. सूर्य हर महीने किसी ना किसी राशि संक्रमण करता है लेकिन अधिक मास में सूर्य का संक्रमण किसी राशि में नहीं होता इसलिए इस महीने में सूर्य संक्रांति नहीं होती है. 

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ऐसे में भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस महीने आपको हर दिन भगवान शालीग्राम की पूजा करनी चाहिए, तुलसी की सेवा और उसे जल देना चाहिए, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. इसके साथ श्रीमद भागवत गीता के 14वें अध्याय का पाठ भी हर दिन करना चाहिए. वहीं आपको बता दें कि इस पूरे महीने भगवान विष्णु के मंदिर में दीपक जलाने से भी लाभ मिलेगा. इसके साथ ही इस मास में छाया दान के साथ ही धार्मिक कृत्य और महात्म्य ग्रंथ का पठन किया जाता है. इस महीने नारायण नागबली, त्रिपिंडी श्राद्ध कर्म जैसे कर्मकांडों को करने से जीवन में शांति आती है. इस महीने में  श्री भागवत पुराण, श्री विष्णु पुराण, गीता पाठ, नृसिंह भगवान की कथा आदि का श्रवण करना भी शुभ फलदायी माना गया है. 

इस पूरे अधिकमास किसी को भी धन, अनाज, जूते-चप्पल, दीपदान, कपड़े, तांबूल का दान करने के साथ ही गायों की सेवा भी करनी चाहिए. इस महीने में पितरों की मुक्ति के लिए तीर्थ श्राद्ध, दर्श श्राद्ध, एवं नित्य श्राद्ध करना चाहिए.

वहीं इस महीने में भगलान शिव की कृपा पाने के लिए आपको महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए. इस महीने किए गए शिव को अभिषेक का आपको चार गुणा ज्यादा फल मिलेगा. इस महीने शिव की निरंतर पूजा आपके गिरह दोषों को शांत करने के लिए काफी है. वहीं सावन के अधिकमास में शिव क्षेत्र की यात्रा और द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से आपके सारे दोष दूर होकर आपको मोक्ष की प्राप्ति होगी. इस पूरे महीने खाली पैर निरंतर शिव के मंदिर जाने से भी कई चमत्कारिक लाभ मिलते हैं.  

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