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Leap Year 2024: क्या होता है लीप वर्ष, क्यों हर 4 साल में आता? कैसे होती है इसकी गणना

Leap Year 2024: नया साल शुरू हो चुका है और साल का पहला त्योहार यानी लोहड़ी का पर्व आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं हर 4 साल बाद लीप वर्ष (Leap Year) मनाया जाता है, जो फरवरी में पड़ता है. इस साल फरवरी में 28 नहीं बल्कि 29 दिन होंगे. 

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Leap Year 2024: क्या होता है लीप वर्ष, क्यों हर 4 साल में आता? कैसे होती है इसकी गणना
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Kajol Gupta |Updated: Jan 20, 2024, 11:09 AM IST

Leap Year 2024: नया साल शुरू हो चुका है और साल का पहला त्योहार यानी लोहड़ी का पर्व आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं हर 4 साल बाद लीप वर्ष (Leap Year) मनाया जाता है, जो फरवरी में पड़ता है. इस साल फरवरी में 28 नहीं बल्कि 29 दिन होंगे. इस वर्ष को सामान्य तौर पर लीप ईयर कहा जाता है. लीप ईयर खास तौर पर उन लोगों के लिए जश्न का ईयर होता है, जिनका जन्म 29 फरवरी को होता है. क्योंकि उनका जन्मदिन चार साल में एक बार आता है. तो आइए इस लेख में लीप ईयर के बारे में जानते हैं.

लीप ईयर क्या होता है?
लीप ईयर होने के पीछे एक खगोलीय घटना चक्र जिम्मेदार होता है. दरअसल, जैसा कि हम सभी जानते है कि धरती अपनी धुरी पर सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है. धरती को एक बार परिक्रमा करने में 365 दिन और 6 घंटे लगते है, लेकिन 6 घंटे दर्ज नहीं किए जाते हैं. इसलिए हर 4 साल में इन 6-6 घंटे की अवधि को जोड़ दिया जाता है और 24 घंटे का एक पूरा दिन होता है. जिसके वजह से हर 4 साल में फरवरी महीने में एक दिन बढ़ जाता है और वो साल 366 दिनों का हो जाता है. यही कारण है कि हर 4 साल में फरवरी माह में 29 दिन होते है और उस साल को लीप ईयर कहा जाता है.

फरवरी में ही क्यों आता है लीप ईयर?
सोचने वाली बात ये है कि ये एक्स्ट्रा दिन फरवरी में ही क्यों आता है, बाकी कसी महीने में इस दिन को क्यों नहीं जोड़ा गया. दरअसल, पहले जूलियन कैलेंडर (Julian Calendar) जो रोमन सौर कैलेंडर है, उसका चलन था. जूलियन कैलेंडर के अनुसार, साल का पहला महीना मार्च और आखिरी महीना फरवरी होता था. जिसके वजह से फरवरी माह में लीप ईयर को जोड़ा गया. फिर जब जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर ने ले ली तो पहला महीना जनवरी हो गया और फरवरी दूसरा. इसके बावजूद भी एक्स्ट्रा दिन को फरवरी में ही जोड़ा गया. इसके पीछे वजह ये भी थी कि फरवरी का महीना पहले से ही सबसे छोटा होता है.

कैसे पता चलता है कब-कब होगा लीप ईयर?
लीप ईयर की गणना आज भी बहुत से लोग नहीं कर पाते हैं. इसको समझना बेहद आसान है. आसान शब्दों में कहे तो जिस साल को 4 से भाग करने पर शेष जीरो आ जाए, वो लीप ईयर होगा. उदाहरण के तौर पर समझे तो साल 2000 लीप ईयर था, लेकिन 1900 लीप ईयर की श्रेणी में नहीं आता है क्योंकि उसे 4 से भाग करने पर शेष जीरो नहीं आता है. यदि साल 2024 को 4 से भाग दिया जाए तो इसका शेष जीरो आएगा. जिसके वजह से ये लीफ ईयर हैं. इस क्रम में साल 2024 के बाद 2028, 2032 और 2036 लीप ईयर की श्रेणी में आएंगे. 

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