trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar01377358
Home >>पटना

इटाहना गांव में कुछ ऐसा होता है चमत्कार, बिना डॉक्टर और दवा के ठीक होते है लोग

इस ब्रम्हा अश्थान पर एक बड़ा सा बरगद का पेड़ है. ठीक इस बरगद के पेड़ के नीचे ब्रह्म अश्थान है. दूर-दूर से आये लोग इस बरगद के पेड़ से सत्कार ब्रम्ह की आराधना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां के ब्रम्ह स्वयं ही धरती से प्रकट हुए थे.

Advertisement
इटाहना गांव में कुछ ऐसा होता है चमत्कार, बिना डॉक्टर और दवा के ठीक होते है लोग
Stop
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Oct 02, 2022, 07:24 PM IST

पटना : अब तक तो आपने कई मेले देखे होंगे जिसमें दशहरा मेला व बिहार का चर्चित मेला सोनपुर के खासियत से भी आप अवगत होंगे. क्या आप जानते है कि बिहार के राजधानी पटना से 75 किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर में स्थित इटाहना एक गाँव है. इस गाँव में एक ऐसा मेला लगता है जहां सालों भर हजारों लोग अपने दुख दर्द को भगाने के लिए आते है. बता दें कि यहां लोग अपने ऊपर से काले साये को हटाने  के लिए भूत बनकर नाचते हैं. साथ ही इन्हें इस ब्रम्ह अश्थान के आगे किसी डॉक्टर का इलाज भी कम लगता है. वर्षों से इस ब्रम्ह अश्थान पर दूर-दूर से लोग आते हैं और अपने दुख दर्द के बिलकुल ही खत्म होने की बात करते हैं.

इटाहना का क्या है कमाल, यहां क्यों आते लोग
बता दें कि इस ब्रम्हा अश्थान पर एक बड़ा सा बरगद का पेड़ है. ठीक इस बरगद के पेड़ के नीचे ब्रह्म अश्थान है. दूर-दूर से आये लोग इस बरगद के पेड़ से सत्कार ब्रम्ह की आराधना करते हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां के ब्रम्ह स्वयं ही धरती से प्रकट हुए थे. तब से लेकर आज तक यहां आमवाश्य और नवरात्र में मेले का आयोजन किया जाता है, जो अपने आप में एक अनूठा मेला कहा जाता है. बरगद के नीचे हर तरफ ब्रह्म अश्थान बना हुआ है. यहां पर एक नरक कुंड भी है, कहा जाता है कि इस नरक कुंड में नहा लेने के बढ़ सारे रोग तथा काले साये का अंत हो जाता है. इस नरक कुंड में पानी काम कीचड़ ज्यादा है पर लोग इसमें बड़े ही चाव से नहाते हैं. क्योंकि इन्हें अपने ऊपर स्वयं काले साये को जो उतारना है. बच्चे हो या महिला या फिर 22 वर्ष का नौजवान सभी यहां अपने ऊपर के काले साये को उतारने आते हैं.
साथ ही बता दें कि आग, पानी और हवा से खिलवार करना अपने मौत को बुलावा देने के बराबर होता है, लेकिन यहां महिलाएं बड़े ही आसानी से यहां के नरक कुंड में कूद जाती हैं.  इस दिल दहलाने वाली दृश्य को देख आप अचंभित जरूर हुए होंगे पर ठहरिये अभी तो ये सिर्फ झलकिया अभी बहुत कुछ बाकी है.

इटाहना के चमत्कार के आगे डॉक्टर की दवा बेकार
कोई डॉक्टर न कोई दवा और बिन डॉक्टर वाले इस अस्पताल में अंधविश्वास के शिकार हजारों लोग शहर के एमबीबीएस डॉक्टर की सलाह लेना उचित नहीं समझते है. अंधविश्वास का पर्दा इनकी आखों पर इस कुछ इस कदर पड़ा है कि अपने दुख दर्द का इलाज कराने चले आते है. ब्रम्ह बाबा के दरबार में और फिर शुरू हो जाता है भूतो का आनोखा  मेला. यही नहीं मान्यता तो यह है कि यहाँ के गंदे पानी में स्नान करने से सब दुखों का निवारण हो जाता है. इन्हें ये कौन बताये की यहां से चंद कदमों की दुरी पे पतित पावनी मां गंगा भी बहती है. लेकिन अंधविश्वास के शिकार ये लोग यू तो यहां अपने कष्टों के निवारण के लिए आते है.  बता दें कि हमारे देश ही नहीं विश्व भर के लोगों को नासा के वैज्ञानिरकों ने नयारा बंगला बनाने का सपना दिखा रहे है. वही दूसरी ओर साइंस और कंप्यूटर की दुनिया से कोसो दूर हमारे देश के आज भी कई लोग अंधविश्वास के माया जाल में जकड़े पड़े है.

देश भर से लोग आते है इटाहना
बता दें कि इतिहास के पन्नो की अगर बात की जाये तो 20 वर्ष पहले इटाहना एक साधारण सा गांव था. लेकिन पिछले 20 वर्षों में इस गांव को पूरे भारत में जाना जाने लगा है. कहते हैं यहां के ब्रम्ह आश्थान के बाबा का संबंध सीधा भगवान से है. तभी तो दूर-दूर से आए लोगों को डॉक्टर से ज्यादा यहां के ब्रम्ह बाबा पर विश्वास है. सच्चाई क्या है ये तो कोई नहीं जनता है. बाबा के भक्ति को देख ऐसा लगता है कि लोगों का कहना सही ही है. तभी तो पूरे देश से लोग यहां अपने ऊपर के काले साये समेत तमाम रोगों के इलाज के लिए आते हैं.

इनपुट-  मनीष कुमार सिंह

ये भी पढ़िए- मुलायम सिंह यादव की तबीयत बिगड़ी, गुरुग्राम के मेदांता पहुंचे अखिलेश-डिंपल, शिवपाल

Read More
{}{}