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मनीष कश्यप के किस अकाउंट में कितने रुपये, सच तक फाउंडेशन के खाते में बड़ी राशि, ईओडब्ल्यू ने किया फ्रीज

मनीष कश्यप के सरेंडर करने के बाद बिहार पुलिस की ईओयू ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसकी एक दिन की रिमांड मंजूर की गई थी. हालांकि ईओयू ने एक सप्ताह की रिमांड की अर्जी दी थी. रिमांड अवधि खत्म होते ही आज मनीष कश्यप को फिर से कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Mar 23, 2023, 05:49 PM IST

पटना : मनीष कश्यप के सरेंडर करने के बाद बिहार पुलिस की ईओयू ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसकी एक दिन की रिमांड मंजूर की गई थी. हालांकि ईओयू ने एक सप्ताह की रिमांड की अर्जी दी थी. रिमांड अवधि खत्म होते ही आज मनीष कश्यप को फिर से कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी. इस बीच पुलिस ने मनीष कश्यप के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के सबूत जुटाए हैं, जिसके आधार पर उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है. बताया जा रहा है मनीष कश्यप के एसबीआई के अकाउंट में 3 लाख, 37 हजार 496 रुपये, आईडीएफसी बैंक के अकाउंट में 51,069 रुपये तो एचडीएफसी बैंक के खाते में 3,37,463 रुपये हैं. वहीं सच तक फाउंडेशन के एचडीएफसी बैंक के अकाउंट में 34, 85,909 रुपये मिले हैं. इस तरह मनीष कश्यप के चार खातों में मौजूद 42,11,937 रुपये को फ्रीज कर दिया गया है.

मनीष कश्यप ने कुर्की वारंट जारी होने के बाद पश्चिमी चंपारण के जगदीशपुर थाने में दो साथियों राकेश तिवारी और अमन कुमार के सरेंडर किया था. पुलिस ने तीनों को अरेस्ट कर लिया था, जबकि एक साथी युवराज सिंह अब भी फरार है. बिहार की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओयू और तमिलनाडु पुलिस ने मनीष के खिलाफ दो वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किए हैं. इसके अलावा मनीष कश्यप पर 2019 में गिरफ़्तारी की तस्वीर को हालिया फेक वीडियो के मामले में हुई गिरफ़्तारी की तरह दिखाने को लेकर भी एक अन्य केस दर्ज किया गया है.

यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर कथित रूप से हिंसा होने की खबर प्रसारित करने का आरोप है, जिसे लेकर विधानसभा और विधान परिषद में जोरदार हंगामा हुआ था और सरकार के सामने विचित्र हालात पैदा हो गए थे. क्योंकि सरकार की ओर से तेजस्वी यादव तमिलनाडु में वहां के सीएम एमके स्टालिन के बर्थडे पार्टी में शामिल होने गए थे, तभी यह मामला उठा था. इस दौरान बीजेपी ने तेजस्वी पर जवाब देने का दबाव बनाया था. दबाव इतना ज्यादा बन गया कि बिहार सरकार को जांच के लिए एक टीम बनाकर तमिलनाडु भेजना पड़ा. हालांकि जांच में मामला फर्जी निकला.

यह मामला सामने आने के बाद मनीष कश्यप ने कहा था कि वो 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे. मनीष कश्यप ने यह भी दावा किया था कि अगर वे जेल गए और तेजस्वी यादव सीएम बन गए तो 180 दिन के भीतर वे सरकार गिरा देंगे. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, मनीष कश्यप के खिलाफ अब तक 11 मामले दर्ज किए गए हैं. हालिया मामलों से पहले मनीष कश्यप के खिलाफ चंपारण में कुल 7 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 6 में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी. 2019 में मनीष को दो बार गिरफ़्तार किया गया था.

पश्चिमी चंपारण के बेतिया में किंग एडवर्ड 7 की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने के मामले में मनीष कश्यप को पकड़ा गया था तो दूसरी बार पटना में कश्मीरी दुकानदार से मारपीट करने के आरोप में वह धरा गया था. पटना की घटना पुलवामा हमले के तुरंत बाद हुई थी. इसके अलावा 2021 में पश्चिमी चंपारण के मझौलिया के डुमरी महनवा गांव में पुलिस उसके पुश्तैनी मकान को सील कर दिया था, क्योंकि मनीष ने स्टेट बैंक के पारस पकड़ी ब्रांच मैनेजर को धमकी दे डाली थी.

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