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2025 तक इन राशियों की होनेवाली है बल्ले-बल्ले, एकदम झक्कास जिंदगी होगी इनकी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में ग्रह जिस भाव में होते हैं और उसका जितना मान होता है उसका प्रभाव जातक के जीवन पर साफ देखने को मिलता है. सभी ग्रह अपनी स्वराशि में होने पर और उच्च का होने पर जातक के जीवन को खुशियों से भर देते हैं.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Jul 27, 2023, 05:07 PM IST

zodiac signs: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में ग्रह जिस भाव में होते हैं और उसका जितना मान होता है उसका प्रभाव जातक के जीवन पर साफ देखने को मिलता है. सभी ग्रह अपनी स्वराशि में होने पर और उच्च का होने पर जातक के जीवन को खुशियों से भर देते हैं. वहीं ग्रहों की चाल उल्टी हो जाए और वह अस्त हो जाए तो ऐसे में जातक के जीवन में परेशानियों की भी बढ़ा देता है. बता दें कि ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का प्रभाव ही किसी भी जातक के जीवन में खुशियां और परेशानियां दोनों लाता है. 

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली में कुछ ग्रह मित्र ग्रह हैं, कुछ छाया ग्रह और कुछ क्रुर ग्रह. ऐसे में आपको बता दें कि कुंडली के नवग्रहों में से शनि एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति के जीवन को संवार सकता है तो उजाड़ भी सकता है.  इसके शुभ-अशुभ दोनों चालों का प्रभाव जातक के जीवन पर पड़ता है. ऐसे में अगर जातक की कुंडली में शनि ग्रह शुभ हो और शुभ स्थान पर विराजमान हो तो जातक को रंक से राजा बना देता है. इसके विपरित यह अगर जातक की कुंडली में दोष बना रहा हो या फिर अशुभ भाव में हो तो व्यक्ति के जीवन को परेशानियों से भर देता है. शनि के बारे में बता दें कि इसकी चाल यहां सबसे ज्यादा धीमी है और इसे एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 19 साल का वक्त लगता है. ऐसे में शनि का प्रभाव किसी भी जातक के जीवन में लंबे समय तक रहता है. 

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हालांकि शनि की स्वराशि कुंभ और मकर है जबकि तुला राशि शनि को अत्यंत प्रिय है. तुला राशि शनि देव की उच्च की राशि है. जबकि कुंभ और मकर के वह स्वामी हैं. ऐसे में इन तीन राशि के जातकों पर इनका अशुभ प्रभाव कम देखने को मिलता है. शनि को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में 2.5 साल का समय लगता है, ऐसे में इन ढाई सालों में कई राशि के जातक शनि की ढैय्या की चपेट में आ जाते हैं. शनि ने इस साल के प्रारंभ में ही अपनी राशि बदली है. वह अपनी राशि कुंभ में आ गए हैं. इसके बाद जून के महीने में इसी राशि में वह वक्री हो गए हैं. अब यह कुंभ में ही साल 2025 तक रहेंगे. ऐसे में शनि का मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहना कई राशियों के लिए शुभ फलदायी है. 

ऐसे में आपको बता दें कि शनि देव साल 2025 तक सिंह, तुला और वृष राशि के जातकों पर अपनी शुभ कृपा बरसाते रहेंगे. ऐसे में इस दौरान सिंह राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा. पारिवारिक जीवन भी इनका मधुर रहेगा. समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा. इसके साथ ही इस राशि के लिए सिंह शश राजयोग का भी निर्माण हुआ है जो सिंह राशि के जातकों के जीवन में संपन्नता लाएगा. 

वहीं इससे वृष राशि के जातकों को भी उम्मीद से ज्यादा फायदा मिलने वाला है. 2025 तक इनका भाग्योदय होता रहेगा. इनपर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहेगी. वहीं तुला राशि के जातकों को परिवार में सुख-शांति मिलती रहेगी. वहीं इस राशि के जातकों का कोई बड़ा सपना पूरा होगा. नौकरी में खूब तरक्की मिलेगी. 

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