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बीपीएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार शक्ति कुमार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने दी सफाई

BPSC Paper Leak Case: बताया जाता है कि शक्ति कुमार की बड़ी राजनीति पहुंच है. पहले ये उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से जुड़े थे, लेकिन रालोसपा के जदयू में विलय होने के बाद ये भी जदयू के करीब आ गए.

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(फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jun 25, 2022, 09:19 PM IST

पटना: BPSC Paper Leak Case: बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र वायरल होने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीम ने गया जिले के एक केंद्राधीक्षक शक्ति कुमार को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन्होंने प्रश्नपत्र स्कैन कर व्हाट्सअप से भेजा था.

बताया जाता है कि इनकी बड़ी राजनीति पहुंच है. पहले ये उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से जुड़े थे, लेकिन रालोसपा के जदयू में विलय होने के बाद ये भी जदयू के करीब आ गए.

इओयू के अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार शक्ति कुमार गया जिले के डेल्हा स्थित रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य हैं और परीक्षा में केंद्राधीक्षक बने थे. इओयू के सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के क्रम में आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने ही प्रश्नपत्र के सी सेट को स्कैन कर कपिलदेव नाम के व्यक्ति को भेजा था और प्रश्नपत्र वायरल हुआ था.

न्यायिक हिरासत में भेजा गया शक्ति
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे छह जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस कॉलेज की संबद्धता की 2018 में ही समाप्त हो गई थी, बावजूद परीक्षाओं का केंद्र बनाया गया.

राजनीतिक कनेक्शन की भी हो रही जांच
बताया जाता है कि कपिलदेव से ही कई लोग यह प्रश्नपत्र हासिल किए थे. सूत्र हालांकि अब तक प्रश्नपत्रों के एवज में मिलने वाली राशि का खुालासा नहीं कर पा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इओयू की एआईटी इस बात का पता लगाने में जुटी है कि जिनके पास प्रश्नपत्र पहुंचा है. एसआईटी शक्ति कुमार के कॉलेज में केंद्र बनाए जाने के मामले की भी जांच करने में जुटी है. एसआईटी शक्ति कुमार के राजनीतिक लाभ को लेकर भी जांच करने की बात कर रही है.

उपेंद्र कुशवाहा का नजदीकी है शक्ति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ आरोपी के संबंध सामने आने के बाद जदयू असहज है. शक्ति कुमार पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के नजदीकी बताए जाते हैं.

उपेंद्र कुशवाहा ने दी सफाई
इधर, कुशवाहा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि शक्ति कुमार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर थे. उन्होंने हालांकि यह साफ लहजे में कहा कि कानून अपना काम करेगा. आरोपी को किसी भी प्रकार का राजनीतिक लाभ नहीं मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि जदयू न किसी को बचाती है और न फंसाती है.

15 लोगों की हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आठ मई को बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद आयोग की टीम ने इस परीक्षा को रद्द घोषित कर दिया था.

(आईएएनएस)

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